प्रयागराज।एस एस खन् महिला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में बुधवार को राष्ट्रीय जल मिशन – ‘कैच द रेन’ , जल आंदोलन, एक जन आंदोलन जागरूकता कार्यक्रम के अंर्तगत एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन विषय पर आयोजित किया गया।वेबिनार का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ, जिसे स्वयं सेविका शिवानी खन्ना ने सुरीले स्वर में अभिव्यंजित किया।इस अवसर पर अतिथि वक्ता उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक कुमार श्रोतीय जी ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि वेबिनार का विषय वर्तमान समय मे अत्यंत ही प्रासंगिक है। उन्होंने जल संकट की गम्भीरता का सामना कर रहे कई देशों का उदाहरण देते हुए जल संचयन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सम्भावना व्यक्त किया कि जल संकट तृतीय विश्व युद्ध का कारण बनेगा इसलिये हमे सचेष्ट रहकर समय रहते हुए एक एक बूंद पानी को संचित करना चाहिए।इस हेतु वृक्षारोपण की अनिवार्यता पर बल दिया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोलवेत्ता भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ए. आर.सिद्दीकी जी ने विषय की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए जलसंकट और वनोंचछादन पर चिंता व्यक्त की।उन्होंने पानी के महत्व को जीवन और अर्थव्यवस्था से संदर्भित करते हुए जल संचयन प्रबंधन के विभिन्न आयामों को जमीनी स्तर पर लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक प्रोफेसर राजेश गर्ग जी ने बारिश की एक -एक बूंद के संचयन पर बल देते हुए गाँव मे गढ्ढे बनाने,चैक डेम बनाने, गहरे कुंए खोदने, तालाबो और कुंओ का जीणोद्धार करने जैसे उपायों की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्राचार्या प्रोफेसर लालिमा सिंह ने अपने संदेश में कहा कि प्रकृति से निःशुल्क रूप में हमे जल प्राप्त है।आवश्यकता है,केवल संचय की।यह तभी सम्भव है,जब हम पानी के महत्व को समझे और उसका संचय करे।वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी और वेबिनार की कन्वीनर डॉ रुचि मालवीय ने वेबिनार की विषयवस्तु से परिचित कराया।स्वागत प्राचार्या प्रोफेसर लालिमा सिंह और वेबिनार की रिपोर्ट तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ शिवशंकर श्रीवास्तव ने दिया। संचालन कार्यक्रम अधिकारी और वेबिनार की कन्वीनर डॉ सदफ़ सिद्दीकी ने किया। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुमिता सहगल ने तकनीकी सहयोग दिया और महाविद्यालय की स्वयं सेविकाओं द्वारा जल संचयन पर बनाई गई पेंटिंग्स ,स्लोगन्स को पी.पी.टी के माध्यम से प्रस्तुत किया।वेबिनार में लगभग १५राज्यों के ४००से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया और अपना फीडबैक दिया जिन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।अंत मे सभी ने जल के संचयन का संकल्प लिया।सम्पूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित किया गया था।