स्टॉकहोम। स्वीडन के सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में स्टाफनस्टॉर्प नगरपालिका द्वारा पारित स्कूली छात्राओं के हिजाब प्रतिबंध के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तर्क दिया है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों का उल्लंघन करता है। दक्षिणी स्वीडन में स्केन काउंटी के स्टाफनस्टॉर्प में प्री-स्कूलों और प्राथमिक स्कूलों में छह साल तक के बच्चों को हिजाब पहनने से रोकना चाहते थे प्रभावी रूप से 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर प्रतिबंध लगाना चाहते थे।एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन डेमोक्रेट्स द्वारा संचालित एक अन्य नगर पालिका स्कर्प में राजनेताओं ने प्री-स्कूलों और प्राथमिक स्कूलों में बच्चों और कर्मचारियों के लिए प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया था। संविधान पर संसद की समिति ने कहा यह विशेष स्कूलों या व्यापक समाज में बच्चों के लिए कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के कानून की कोई योजना नहीं है। दोनों नगर पालिकाएं कई सालों से हिजाब के मुद्दे को उठा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने स्वीडन के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानून का इस्तेमाल अपने फैसले का समर्थन करने के लिए किया जिसमें कहा गया है कि धार्मिक संबद्धता अभिव्यक्ति जैसे कि कपड़े इसके दायरे में आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस उलरिक वॉन एसेन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हिजाब पहनने के अधिकार को सीमित करने का प्रभाव व्यक्तियों पर पड़ता है और इसलिए यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा है। सीमा की अनुमति के लिए इसे कानून द्वारा समर्थित होना चाहिए। इस तरह के कानूनी समर्थन राष्ट्रीय कानून में मिसिंग हैं इसलिए नगर पालिकाओं के फैसले को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
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