सोनभद्र। स्वतंत्र निदेशक संगीथा वारियर नें वाराणसी हरित कोयला परियोजना एवं रमना परियोजना का भ्रमण किया । उन्होंने अपने भ्रमण के दौरान रमना परियोजना एवं कर्षणा परियोजना के कार्यों से संबन्धित प्रगति की जानकारी ली। यह परियोजना नगर पालिक निगम द्वारा प्राप्त कचरा से कोल एवं खाद बनाने का कार्य करती है। इस दौरान अपर महाप्रबंधक(मानव संसाधन) मंगला हरीन्द्रन, अपर महाप्रबंधक(प्रचालन) अनिल शर्मा, वरिष्ठ प्रबन्धक (रमना परियोजना) आशीष रंजन, उप प्रबन्धक (उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय लखनऊ) एल एम पाण्डेय के साथ-साथ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। भारत की विशालतम विद्युत उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड नें रमना, वाराणसी में 60 टीपीडी नगर निगम के ठोस कचरे को चारकोल में संसाधित करने के लिए पश्चिम से चारकोल सुविधा स्थापित कर रही है।यह संयंत्र एनटीपीसी एवं एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड की पहल से भारत में विकसित अनूठी तकनीक पर आधारित है। यह एनटीपीसी की पहली तकनीक है, जिसे पूरी तरह से भारतीय कंपनियों द्वारा विकसित किया गया है और पर्यावरण की दृष्टि से भस्मीकरण आधारित तकनीक पर आधारित है। यह प्रक्रिया ऑक्सीजन या सीमित ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पूरी होती है और डाइऑक्सिन और फ्यूरान जैसे जहरीले रसायनों का उत्पादन नहीं होता है।यह सुविधा वाराणसी हरित कोयला परियोजना को 12 नवम्बर 2021 प्रदान की गई। जिसमें दुर्गंध नियंत्रण प्रणाली, पृथक्करण की सुविधा, सीलबंद रिएक्टर, उत्सर्जन नियंत्रण और निगरानी प्रणाली, विद्युत और नियंत्रण प्रणाली एवं चार हैंडलिंग प्रणाली के साथ-साथ उच्च स्तर के स्वचालन की क्षमता होती है।यह एक अग्रणी परियोजना है और नगरपालिका के ठोस कचरे को मूल्य वर्धित उत्पाद में परिवर्तित करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान के करने की क्षमता है। इसमें प्रौद्योगिकी शामिल है, जो एमएसडब्ल्यू को उच्च कैलोरीफ ईंधन में परिवर्तित करती है जिसे कोयले का उपयोग करके पारंपरिक बॉयलरों में सह-प्रज्वलित किया जा सकता है। वाराणसी हरित कोयला परियोजना पूरी तरह स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है।स्वतंत्र निदेशक संगीथा वारियर नें वेस्ट टु एनर्जी अधिकारियों के साथ परियोजना के परफॉर्मेंस से संबन्धित विभिन्न पहलुओं पर समीक्षा की साथ ही वाराणसी हरित कोयला परियोजना से संबन्धित विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया तथा उचित परामर्श भी दिया। इसके अतिरिक्त महोदया ने वाराणसी हरित कोयला परियोजना के प्रांगण में पर्यावरण के प्रति वचनबद्धता स्वरूप वृक्षारोपण भी किया।
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