क्राइस्टचर्च। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री के रूप में अपने पिछले पांच के कार्यकाल पर गौर कर जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि इस दौरान क्षेत्र में चीन का रवैया निस्संदेह पहले से अधिक आक्रामक हुआ है। उन्होंने साथ ही सचेत किया कि छोटे प्रशांत देशों के साथ संबंध बनाना दूसरे पर हावी होने की कोशिश करने का खेल नहीं बनना चाहिए।अर्डर्न ने साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन हाल के वर्षों में पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि यदि मैं थोड़ा दूर से क्षेत्र को देखूं तब हमारे क्षेत्र में हमने जो कुछ बदलाव देखे हैं उनमें से एक यह है कि हमने अधिक आक्रामक चीन को देखते हैं।’’उन्होंने कहा आपने कई अलग-अलग मुद्दों और संबंधों पर अधिक मुखर दृष्टिकोण देखा है। इसलिए मेरे कार्यकाल के दौरान निस्संदेह यह बदलाव आया है। चीन ने इस वर्ष प्रशांत क्षेत्र में कुछ साहसिक भू-राजनीतिक कदम उठाए। उसने सोलोमन द्वीप समूह के साथ एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया और फिर सुरक्षा से लेकर मत्स्य पालन तक सभी क्षेत्रों को समेटने वाले व्यापक समझौते पर 10 प्रशांत देशों से हस्ताक्षर कराने का असफल प्रयास किया।इन कदमों ने अमेरिका सहित कुछ प्रशांत देशों और पश्चिमी लोकतंत्रों को बहुत चिंतित किया है लेकिन अर्डर्न ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि न्यूजीलैंड ने इस साल अपनी पर्याप्त उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। अर्डर्न ने कहा प्रशांत क्षेत्र में हमारे संबंध पारिवारिक हैं क्योंकि हम एक परिवार की तरह हैं हम प्रशांत का हिस्सा हैं।’’ उसने कहा कि ये संबंध सामुदायिक स्तर पर बनाए गए हैं। अर्डर्न ने कहा कि हमें अपने संबंधों को लेकर वास्तव में सतर्क रहना होगा कि अन्य प्रशांत देशों के साथ संबंध बनाना दूसरे पर हावी होने की कोशिश नहीं बननी चाहिए।
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