वाराणसी।पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के भारतेंदु सभागार में मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय की अध्यक्षता में भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का 67 वाँ महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक(इन्फ्रा)ज्ञानेश त्रिपाठी,अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) शिव प्रताप सिंह यादव, अपर मंडल रेल प्रबंधक(प्रशासन)राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ए.पी.सिंह, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संजीव शर्मा,वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय राकेश रंजन, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर रजत प्रिय, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(सामान्य) पंकज केशरवानी,वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजिनियर(ऑपरेशन) अनिल श्रीवास्तव,वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी आशुतोष शुक्ला,मंडल कार्मिक अधिकारी विवेक मिश्रा, मंडल वित्त प्रबंधक एस.आर.के.मिश्रा,सहायक कार्मिक अधिकारी आनन्द कुमार, कार्मिक विभाग के निरीक्षकों समेत अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी एशोसियेशन के सदस्यों,मजदूर यूनियन के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने बाबा साहब के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजली दी।अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में रामाश्रय पाण्डेय ने कहा भारत रत्न बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर, भारत ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व की एक महान विभूति थे। अपने जीवन के संघर्षो को अपनी अटूट लगन, ज्ञान एवं परिश्रम के सहारे उन्होंने पीछे छोड़ा और सम्पूर्ण समाज के लिए एक मिसाल छोड़ गये।बाबा साहब ने समाज मे व्याप्त बिखराव और असमानता की संकीर्णताओं से बाहर निकलने का रास्ता खोजा और दूसरों के लिए राह आसान बनायी इसके पीछे उनके स्वयं के जीवन में घटी घटनायें और विषमताएं थीं. जिसे महसूस करके आने वाली पीढियों को उनसे मुक्त रखने के लिए उन्होंने दृढ निश्चय किया था। महिला उत्थान के लिए भी आजीवन संघर्षशील रहे. नारी शिक्षा और समानता के सन्दर्भ में उन्हीं के प्रयासों से बहुत सारी कल्याणकारी योजनाओं को मूर्त रुत मिला, जिनसे आज सारा समाज लाभान्वित हो रहा है। बाबा साहब ने अपने जीवन में एक अद्वितीय उदाहरण बनकर, तमाम वंचितों- उपेक्षितों और बेसहारा लोगोंके लिये प्रेरणास्रोत बनकर एवं मार्गदर्शन देकर उनका उद्धार कर दिया | शिक्षा और समानता को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करके सारे समाज को एक राह पर लाने का अविस्मरणीय कार्य किया।सम्पूर्ण देश उनके द्वारा की गयी अनमोल सेवाओं के लिए उनका आभारी रहेगा एवं उनके द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलकर सामूहिक रुप से एक शिक्षित, सभ्य, संवेदशील समाज के रूप में समग्र उन्नति करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है।शिक्षा का महत्व हम सभी जानते हैं प्रत्येक मनुष्य के लिए ,चाहे वह नर नारी हो किसी धर्म का, किसी वर्ग का, किसी क्षेत्र का हो ,शिक्षा उसके लिए सबसे अमूल्य है। शिक्षित होने के पश्चात समाज में जब व्यक्ति पदार्पण करता है, तो विभिन्न प्रकार की समस्याओं का, परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में व्यक्ति के धैर्य और संघर्ष की कसौटी होती है । बिना विचलित हुए अपने मार्ग पर अविरल भाव से लगन पूर्वक चलते रहना यही प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है, और वह लक्ष्य सिद्धि के लिए परम आवश्यक है।संगठन के बारे में आप सभी जानते हैं कि संगठन में शक्ति है, एक धारा में सबको एक साथ एक विचार से एक लक्ष्य के लिए बढ़ना, यही किसी भी संगठन का मूल मंत्र है ।बाबा साहब ने अपने संपूर्ण जीवन में विभिन्न विषयों को अध्ययन किया गहनता से उसका मनन किया और उसके निचोड़ के रूप में भारत के संविधान के प्रमुख कर्ता-धर्ता के रूप में अपना योगदान उन्होंने दिया और भारतीय संविधान के रूप में एक ऐसी मिसाल रखी है, जिसकी पूरी दुनिया में नजीर भी दी जाती है।हम सब का कर्तव्य है कि उसी भाव को उसी दृष्टि को और उसी परिश्रम को अनुसरण करते हुए बाबा साहब के बताए हुए मार्ग पर चलें और देश के विकास में अपना अपना योगदान करें।इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में कल्लू राम सोनकर/मंडल मंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी एशोसियेशन ,राम हरख यादव मंडल मंत्री/पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कर्मचारी एशोसियेशन तथा मंडल मंत्री एन इ रेलवे मजदूर यूनियन एन.बी.सिंह ने बाबा साहब के संघर्षो एवं जनहितकारी उद्देश्यों पर अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम का संचलन एवं धन्यवाद ज्ञापन मंडल कार्मिक अधिकारी विवेक मिश्रा ने किया ।
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