कैलिफोर्निया। अमेरिकी वायुसेना ने अपने सबसे खतरनाक बॉम्बर जेट बी-21 की झलक दिखाई है। रडार की पकड़ में भी न आने वाला यह बॉम्बर पारंपरिक हथियारों के साथ खतरनाक परमाणु हथियार भी दुश्मन पर बरसा सकता है। वायुसेना की तरफ से कहा गया है कि बी-21 भविष्य में बॉम्बर फोर्स की रीढ़ होगा जिसमें बी-21 और बी-52 खासतौर पर शामिल होंगे। तीन दशकों में यह अमेरिका का पहला बॉम्बर एयरक्राफ्ट है। बी-2 स्प्रीट की तरह नजर आने वाले इस बॉम्बर को नॉर्थमैन ग्रुम्मैन की तरफ से तैयार किया गया है।कंपनी के अनुसार यह पहला मौका है जब दुनिया ने छठीं पीढ़ी के परमाणु बॉम्बर एयरक्राफ्ट को देखा है। इस बॉम्बर से वायुसेना और कंपनी दोनों को ही काफी उम्मीदें हैं। कंपनी ने कहा है वायुसेना को मिलने के बाद यह बॉम्बर देश की राणनीतिक सेना का हिस्सा होगा। यह देश के सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करेगा और साथ ही अमेरिका के साथियों को भी सुरक्षित महसूस कराएगा। ग्रुप की सीईओ कैथी वॉर्डन ने बताया है कि बी-21 बहुत ही एडवांस्ड तरीके से ऑपरेट होता है। अत्यधिक खतरे वाले वातावरण के लिए इसे तैयार किया गया। एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों के अलावा इसमें डिजिटल इंजीनियरिंग के उपकरणों और क्लाउड टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। इस बॉम्बर में किस तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है इसका खुलासा न तो कंपनी की तरफ से किया गया है और न ही वायुसेना ने इस बारे में कोई जानकारी दी है। उन्होंने बस इतना बताया कि यह बॉम्बर पहले बी-2 से ज्यादा एडवांस्ड तो है ही साथ ही साइज में भी उससे कुछ छोटा है। जो और दूसरे बदलाव इसमें किए गए हैं उसमें सबसे अहम है इसे डिटेक्ट न कर पाना। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें ऐसे एडवांस्ड मैटेरियल का प्रयोग किया गया है कि दुश्मन इसका पता नहीं लगा सकता है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक इमीशन यानी उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए भी नए तरीके निकाले गए हैं। इंजन में भी नई टेक्निक का प्रयोग किया गया है। 20 मई 2022 को ही अमेरिकी वायुसेना ने इस बॉम्बर के डेवलपमेंट का ऐलान किया था। इस बॉम्बर की खासियतें अभी तक बताई नहीं गई हैं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सर्विसबिलिटी के लिहाज से और इसके रखरखाव के लिहाज से बॉम्बर पिछले बॉम्बर जेट की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है। ये एक भारी जेट है जो परमाणु हथियारों के अलावा पारंपरिक हथियार ले जाने में भी सक्षम है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post