बांदा। टीबी में तंबाकू का सेवन जानलेवा है। तंबाकू के सेवन से टीबी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सरकार द्वारा नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम व नेशनल तंबाकू कंट्रोल प्रोग्राम को इक्ट्ठा करने का प्रयत्न किया गया है। इसके तहत लोगों को टीबी व तंबाकू के कुप्रभावों संबंधी जागरूक किया जाएगा। यह बातें राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आयोजित बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. संजय कुमार शैवाल ने कहीं।डा. शैवाल ने कहा कि भारत को क्षय रोग से मुक्त करने के लिए सभी लोगों की सहभागिता जरूरी है। टीबी और नशा मुक्ति के लिए अब दोनों विभागों को आपस में सामंजस्य कर काम करना है। कहा कि नशे की लत के कारण कई लोग खानपान पर ध्यान नहीं देते है। इससे वह दमा जैसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। कुछ उनमें टीबी रोगी भी हो जाते है। ऐसे रोगियों का चिह्नित कर उनका इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही उन्हें नशा मुक्ति के लिए तंबाकू नियंत्रण कक्ष में भेजकर उनकी काउंसलिंग भी कराई जाएगी। जिला तंबाकू नियंत्रण इकाई सलाहकार डा. रामवीर सिंह ने बताया कि कोई मरीज नशा मुक्ति के लिए तंबाकू नियंत्रण कक्ष में पहुंचता है और वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को लगता है कि वह टीबी का संभावित रोगी हो सकता है तो उसकी टीबी जांच कराई जाएगी। सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण कानून को मजबूत करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। बैठक में जिला कार्यक्रम सन्वयक प्रदीप वर्मा, गणेश प्रसाद, कुलसुम हाशमी, हरदेव प्रसाद, अशरफ हाशमी, पवन कुमार, विकल्प सोनी, कमल कुशवाहा मौजूद रहे।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post