नसा दुआ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार सुबह इंडोनेशिया में जी-7 और नाटो नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई है। जिसमें नाटो के सदस्य देश पोलैंड में रूस में बनी मिसाइल के गिरने की घटना में हुई 2 लोगों की मौत के मामले पर चर्चा की जाएगी। बताया जाता है कि मिसाइल विस्फोट की खबर मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को उनके स्टाफ ने रात में जगाकर यह खबर बताई। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलकर जानमाल के नुकसान के लिए अपनी गहरी संवेदना जताई।अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने उनको अमेरिका के पूरे समर्थन का वादा किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले की जांच के लिए पोलैंड को अमेरिकी समर्थन और सहायता का वादा करने के साथ ही नाटो संगठन के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पोलैंड में मिसाइल गिरने की घटना के बाद जी7 के नेता एक आपात बैठक पर सहमत हो गए। जो बाइडन ने कहा कि मैंने पूर्वी पोलैंड में जनहानि के लिए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से बात की और पोलैंड द्वारा विस्फोट की जांच के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगी हम अगले कदम को तय करने के लिए निकट संपर्क में रहेंगे।बहरहाल पोलिश राष्ट्रपति डूडा ने कहा है कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि देश के पूर्वी हिस्से में गिरा रॉकेट किसने दागा था। अब इस घटना की जांच में अमेरिका के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। उधर पोलिश विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि गिरी हुई मिसाइल रूस में बनाई गई है। जबकि पोलैंड के राष्ट्रपति डूडा इसके बारे में अपने बयान में अधिक सतर्क थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निश्चित रूप से यह नहीं पता था कि इसे किसने दागा है या इसे कहां बनाया गया। उन्होंने कहा कि शायद सबसे ज्यादा आशंका है कि यह एक रूस में बनी मिसाइल थी। लेकिन अभी भी इसकी पुष्टि की जा रही है। अगर इसकी पुष्टि होती है, तो यूक्रेन के हमले के बाद यह पहली बार होगा जब किसी नाटो देश पर रूसी हथियार गिरा है। गौरतलब है कि नाटो गठबंधन की नींव यह सिद्धांत है कि एक सदस्य के खिलाफ हमला उन सभी पर हमला है।
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