नई दिल्ली। उत्तराखंड आयुर्वेद और यूनानी लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने दिव्य फार्मेसी के पांच उत्पादों पर से प्रतिबंध हटा लिया है। इससे योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी को बड़ी राहत मिली है। साथ ही लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने अपनी गलती भी मानी है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के दवा नियंत्रक जीसीएन जंगपांगी ने कहा कि 9 नवंबर के पिछले आदेश में एक गलती थी और यह जल्दबाजी में जारी किया गया था।प्राधिकरण ने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए अब दिव्य फार्मेसी को इन दवाओं का उत्पादन जारी रखने की अनुमति दे दी है। दिव्य फार्मेसी बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स का निर्माण करती है। 11 नवंबर को राज्य के आयुर्वेद अधिकारियों ने बाबा रामदेव की फर्म को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, गोइटर, ग्लूकोमा और हाई कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पांच दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया था। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के दवा नियंत्रक जीसीएन जंगपांगी ने कहा, ‘हमें आदेश जारी करने से पहले कंपनी को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए समय देना चाहिए था।’ पहले के आदेश में अधिकारियों ने ब्लड प्रेशर, मधुमेह, गोइटर, ग्लूकोमा और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बीपीग्रिट, मधुग्रिट, थायरोग्रिट, लिपिडॉम टैबलेट और आईग्रिट गोल्ड टैबलेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, नोटिस में कहा गया है कि कंपनी इन उत्पादों का निर्माण तभी शुरू कर सकती है जब प्राधिकरण उनकी संशोधित फॉर्मूलेशन शीट को मंजूरी दे दे। दरअसल प्रतिबंध की यह कार्रवाई केरल के एक डॉक्टर के वी बाबू द्वारा दायर एक शिकायत के बाद की गई थी, जिसमें उन्होंने दिव्या फार्मेसी पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इस गलती में सुधार करने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त जताया है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post