सोनांचल उत्थान समीति के प्रशिक्षण केंद्र पर 15 वाँ स्थापना दिवस हर्षाेल्लास से मनाया गया

सोनभद्र। आज भारतीय विकास सोनांचल उत्थान समीति के प्रशिक्षण केंद्र पर 15 वाँ स्थापना दिवस हर्षाेल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर सोनभद्र के साहित्यिक विभुतियो को सोनांचल रत्न सम्मान देकर सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम में सर्व प्रथम मां सरस्वती का पूजन वैदिक मंत्रों से कराया गया। जनपद के कवि ईश्वर प्रसाद विरागी जी ने वाणी वंदन किया। भारतीय विकास सोनांचल उत्थान समीति के द्वारा सोनांचल रत्न से सम्मानित होने वाले साहित्यकार एवं कवि मनीषियों का माल्यार्पण, अंग वस्त्र व सोनांचल रत्न प्रमाण पत्र भेंट किया गया। संस्थान के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय ‘निर्भय’ ने अतिथियों का स्वागत एवं संस्थान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।संस्थान के अभिवावक विशिष्ट अतिथि राधेश्याम द्विवेदी जी ने प्रशिक्षुओं का कर्तव्य बोध, निष्ठा , आदर्श एवं चरित्र निर्माण पर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिये ये सभी गुण प्रत्येक नागरिकों में होना चाहिए, तभी विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव हैं। संस्थान के सचिव आनंद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह संस्थान वर्ष 2007 से अब तक 1485 प्रशिक्षणार्थी को ट्रेनिंग दे चुका हैं, जिनमें से 900 ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके युवाओं को विभिन्न क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध कराया हैं। सोनांचल रत्न समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश पंथी ने किया और संचालन राकेश शरण मिश्रा ‘गुरु’ ने किया। कवि ईश्वर वैरागी, कवियत्री रचना तिवारी के गीतों से सभी आत्म विभोर हो गये। बीच-बीच में तालियो की गड़गड़ाहट से साहित्यकारों व कवियों का उत्साह वर्धन बढ़ता रहा। इस कार्यक्रम में संस्थान के महेश कुमार मिश्रा, हर्ष कुमार गुप्ता, ममता गोस्वामी, चंचला देवी, सौम्या त्रिपाठी, आँचल, पूजा इत्यादि उपस्थ्त थे।