शीर्ष नेतत्व ने मौका दिया तो जीतकर दूगां सीट-केडी द्विवेदी अधिवक्ता

कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव की डुगडुगी बनजे वाली है,निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी पूरी कर चुका है,औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटें संभावित प्रत्यासी अपनी-अपनी गोटिया बिछाने में जुट चुके है। दलगत प्रत्यासी पार्टी के शीर्ष नेताओ से लेकर जनपद स्तरीय पदाधिकारियो सहित निकाय क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले अपने लोगो के साथ बैठक कर हर पहलू पर नजर जमाये हुए है। नगर पालिका मंझनपुर में इस बार अध्यक्ष पद का चुनाव बहुत रोचकता से भरा होगा,नगर पालिका के प्रबुद्व वर्ग इस बार किसी प्रबुद्व को ही चुनाव में उतारने का मन बना चुका है। चर्चाओं पर जाये तो जनपद न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण दत्त द्विवेदी भी एक बडे दल से नगर अध्यक्ष पद के लिये टिकट का दावा शीर्ष व प्रदेश नेतत्व को सौप चुके है। अगर नगर पालिका मंझनपुर की सीट सामान्य वर्ग के लिये आरक्षित होती है,तो इस सीट पर चुनाव रोचक हो सकता है। बतातें चले के अधिवक्ता कृष्ण दत्त द्विवेदी जनपद न्यायालय में लगभग 27 वर्ष से अपनी सेवा दे रहे है, वह शासकीय अधिवक्ता भी रह चुके है। उन्हे जहां अधिवक्ताओं का भारी समर्थन प्राप्त है,वही नगर क्षेत्र के सर्वसमाज के प्रबुद्व वर्ग भी उन्हे पंसन्द कर रहा है। ऐसे में अगर उन्हे पार्टी स्तर से सिंबल मिलता है,तो एक बार फिर से डेढ दसक बाद नगर में पार्टी को नगर पालिका की सीट मिल सकती है। बतां दें कि बीते काफी समय से इस सीट पर देश की सबसे बडी पार्टी को कामयाबी न मिलने के पीछे जो प्रमुख कारण रहा है,उसके मुताबिक नगर के कई-कई कार्यकर्ताओं का आपसी सामाजंस न होने के चलते दल के कई-कई कार्यकर्ता जब-जब चुनाव आता है,तो ताल ठोक कर मैदान में उतर जाते है,जिन्हे बाद में शीर्ष नेतत्व के तमाम मान-मनौव्वल के बाद भी समझा नही पाते थे। लेकिन इस बार का परिदृश्य कुछ अलग हटकर होने वाला है,पार्टी के शीर्ष नेतत्व के निर्देश पर पार्टी ऐसे किसी प्रत्यासी पर दांव लगाने का सोच रहा है,जिसके नाम पर कही विवाद न हो, पार्टी ने संभावित प्रत्यासियों का आवेदन ले लिया है। और उन पर शीर्ष नेतत्व विचार कर रहा है,वही पार्टी के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक संभावित प्रत्यासी के चयन पर पार्टी शीर्ष नेतत्व कडा फैसला लेने का पूरा मन बना चुका है। ऐसे प्रत्यासी चयन को लेकर कुछ अचंम्भित करने वाला फैसला कुछ क्षण के लिये सभी को अचम्भित भी कर सकता है,लेकिन पार्टी के फैसले को नकारने वाले बागी लोगो को भी इस बार पार्टी माफ करने के मूड में नही दिख रही है। बहरहाल सूत्रो के हवाले से मिल रही खबरो पर जाये तो इस बार नगर पालिका की सीट सामान्य वर्ग के लिये आरक्षित हो सकती है। जिसके लिये केवल संभावना ही व्यक्त की जा सकती है,क्योकि मामला अभी पूरी तरह से निर्वाचन आयोग के ही पाले में ही है।