भ्रष्टाचार मुक्त समाज देना मेरा वादाः विक्रम थापा

इण्डो नेपाल बार्डर कपिलवस्तु। समूचे नेपाल राष्ट्र के 75 जिलों में एक साथ प्रदेश सभा और लोक सदस्यों के चुनाव हो रहे है। 20 नवम्बर को मतपेटिका के पिटारे में विजय का ताज बंद हो जायेगा। विभिन्न दलों के प्रत्याशी अपने वादे तथा ऊर्जा का शक्ति पात कर रहे है। चहुंओर चुनावी गुलाल उड़ रही है। जहां विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार मतदाताओं को चन्द्र खिलौना देने के हवा हवाई वादे कर रहे है। वहीं इससे इतर लुम्बनी प्रदेश के कपिलवस्तु क्षेत्र दो (क) से नेपाली राष्ट्रीय पार्टी कांगे्रस के उम्मीदवार विक्रम सिंह थापा बड़े सधे व संयमित अंदाज से पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र के मधेसियों को साध रहे है। क्षेत्र में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे है, उनका जनसम्पर्क अभियान पूरे शबाब पर है।नेपाल में मतदान नेपाल 4 गते अर्थात 20 नवम्बर को होना है। उम्मीदवार चुनावी दंगल में एक दूसरे को पटखनी देने के लिए नूराकुश्ती का दाव आजमा रहे है। आम जनमानस को भांति-भांति के सब्जबाग दिखा रहे है। वहीं विक्रम थापा अपने नौकरशाही के अनुभव का पूरा फायदा उठा रहे है। वे बड़े ही सलीके से और सघे अंदाज से जनमानस की नब्ज टटोल रहे है। विक्रम सिंह थाना और अन्य राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों के बीच मूल एक बहुत बड़ा मूलभूत अंतर दिखाई दे रहा है। वह नेपाली राष्ट्रीय कांगे्रस पार्टी के परम्परागत मतदाता है। नेपाली कांगे्रस नेपाल की पुरानी राजनीतिक पार्टी है जिसकी छाप उदारवादी पार्टी के तौर पर है। हिन्दू, मुस्लिम, पहाड़ी, मधेशी सबकी प्रिय पार्टी है कांग्रेस। विक्रम सिंह थापा ने पुलिस मोहकमें में लम्बी सेवा दी है जिससे अनुशासन उनके स्वभाव और रग-रग में प्रवाहित होता है। चुनावी क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है कि अन्य पार्टियों के उम्मीदवार जब मतदाताओं के बीच मत मांगने आते है तो लोग ठीक है-ठाक है। हम आपकों वोट देगे ऐसी औपचारिक बातें ही करते है। लेकिन जब विक्रम दरवाजे, गली और पगडंडियों से गुजरते है तो जनता आवाज देती है ‘‘ न होड़ पर, न जोड़ पर, बस मुहर लगेगी पेड़ पर। और उनके साथ आकर अपने-अपने दरवाजों पर अभूतपूर्व स्वागत करती है। युवाओं में विक्रम से हाथ मिलाने की होड़ लग जाती है। बड़े बुजुर्ग, पुरूष-महिलाएं सहर्ष विक्रम के सिर पर हाथ फेरकर विजय श्री का आशीर्वाद दे रहे है। पुलिस विभाग में सिंघम नाम से विख्यात विक्रम सिंह थापा की एक झलक पाने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ता है।कांगे्रस प्रत्याशी विक्रम सिंह थापा यूतो नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र गुल्मी जिले से तालुकात रखते है, जमीदारी इनको विरासत में मिली है, इनका संतरो के सैकड़ों एकड़ के मैदान है, लेकिन मैदानी इलाको से भी इनका बहुत गहरा रिश्ता है। तराई क्षेत्र के कई स्थानों पर इनके पुश्तैनी कृषि फार्म और जागीरे है। भारत में काशी के ताल्लुकेदार राजा उदय प्रताप विद्यालय से बीएससी, एमएससी की तालीम हासिल करके नेपाल में एसएसपी के पद पर रहकर वे अनगिनत गौरव गाथाओं के महानायक रहे। नेपाल के किसी पुलिस अधिकारी को शायद ही इतने सामाजिक संगठनों से सम्मान व तमगे मिले हो। विक्रम के भाग्य में कई ऐसे मौके आये जब मौत इनको स्पर्श करते हुए निकल गई। जब इनकी गाड़ी को लक्ष्य बनाकर माइंस विस्फोट किया गया तो घायलावस्था में भी दो पुलिस के जवानों को लादकर उनकी जिंदगी बचा ली। विस्फोट में इनके कान के पर्दे क्षतिग्रस्त हो गए।विक्रम जिन-जिन जनपदों में तैनात रहे वहां धूम्रपान व नशाखोरी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने में सफल रहे। कैसीनों में नेपाली नागरिकों के जुआ खेलने पर पाबंदी लगाई। प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा निरन्तर शैक्षिक रैलियां निकालवाकर नवीन शिक्षा की अखण्ड ज्योति प्रवाहित की। जनहित में अपने उच्चाधिकारी एवं राजनैतिक आकाओ के फरमानो तक को अनसुना करने में कभी भयभीत नहीं हुए जिसके फलस्वरूप तबादलो का दंश झेलना पड़ा। इसके बावजूद विक्रम को विपरीत परिस्थितियां न तो विचलित कर पाई और न ही वह समझौतावादी हो पाये, जनता यह सब देखती और महसूस करती रही। इनकी लोकप्रियता और जनप्रियता का ग्राफ बढ़ता रहा। दूरदर्शी कांगे्रस के गणितज्ञों ने इसका फायदा उठाया और जैसे ही विक्रम सेवानिवृत्त हुए उन्हें राजनीति के लिए राजी कर पार्टी में शामिल कर लिया। जब चुनाव में उम्मीदवारी की बात आयी तो कपिलवस्तु के स्थानीयस्तर से उच्च स्तर तक सर्वसम्मति से विधायक पद का प्रस्ताव पास हुआ। सुविज्ञ सूत्र बताते है कि पहाड़ी और तराई के कई जिलों में विक्रम की पुरजोर मांग हुई। जनता की मांग के मद्देनजर कांगे्रस ने विक्रम को क्षेत्र संख्या दो (क) से अंततः विधायक पद का उम्मीदवार घोषित कर ही दिया। प्रदेश सभा की चैखट पार करने के लिए विक्रम चुनावी जन सम्पर्क को बड़ी ही शिद्त से परवान चढ़ा रहे है।