रावलपिंडी। पाकिस्तान और चीन की दोस्ती दुनियाभर के देशों से छिपी हुई नहीं है। चीन कई दफा पाकिस्तान की आर्थिक मदद कर चुका है। वहीं, पाकिस्तान भी चीन के काले कारनामों का खुलकर समर्थन करता है। दोनों की दोस्ती अब और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। दोनों मिलकर दुनिया को तबाह करने के मंसूबें बना रहे हैं। रिपोर्ट्स हैं कि चीन और पाकिस्तान मिलकर कोरोना से भी अधिक घातक वायरस बना रहे हैं। दोनों ही देश रावलपिंडी की रिसर्च लैब में इस वायरस को विकसित करने के लिए पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं।एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वुहान इंस्टीट्यूट और डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन (डीएसटीओ) द्वारा विशेष प्रोजेक्ट को अंजाम दिया जा रहा है। बता दें कि डीटीएसओ पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाया जाता है। हालांकि, पाकिस्तान ने साल 2020 में किसी विशेष परियोजना को अंजाम दिए जाने की खबरों का खंडन किया था।रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की जैव सुरक्षा स्तर-3 (बीएसएल-3) प्रयोगशाला के बारे में कुछ भी रहस्य नहीं है।”यह प्रयोगशाला रावलपिंडी में चाकलाला छावनी में स्थित है। यह एक अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र है और इसका नेतृत्व टू स्टार जनरल करते हैं। कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन वास्तव में इसतरह के रोगजनकों को विकसित करने पर काम कर रहा है जिनमें कोविड से कहीं अधिक नुकसान करने की क्षमता है।साल 2020 से दुनियाभर में कहर बरपाने वाले कोरोना के बारे में चीन पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। दुनिया में अब तक कोरोना से लाखों लोगों की जान जा चुकी है। जब से कोविड का दौर शुरू हुआ, तभी से चीन को शक की निगाह से देखा जाता रहा है। हाल ही में अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड-19 चीन के ही लैब से निकला था। यह रिपोर्ट अमेरिका सीनेट कमेटी ने जारी की है।
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