इच्छा आनन्द का श्रोत हैः परमानंद महराज

बहराइच। श्याम बाबा मंदिर रेलवे स्टेशन पर 35वें भक्ति, वेदांत, सन्त सम्मलेन की सभा भक्तिमय भजन व संकीर्तन से प्रारम्भ हुई। पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी व उनके पुत्र निशंक त्रिपाठी ने युगपुरुष स्वामी परमानन्द गिरी महाराज को अंगवस्त्र भेंट किया और माल्यार्पण करके स्वागत किया। इसके अतिरिक्त विमल टेकड़ीवाल, शीतल प्रसाद अग्रवाल, कैलाश नाथ डालमिया, मोहन लाल गोयल, कुलभूषण अरोड़ा, रमेश चन्द्र तिवारी, राकेश दुबे, अशोक मातनहेलिया, टी आर मिश्र, मदन लाल रस्तोगी, दिलीप गुप्त आदि ने भी महाराज का स्वागत किया। हरिद्वार के महामण्डलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानन्द ने प्रवचन में कहा कि इच्छा आनन्द का श्रोत है और इसीलिए जो दिखाई दे रहा है उसके न रहने का भय हुआ करता है। इस भय को समाप्त केवल सद्गुरु की कृपा से ही किया जा सकता है। स्वामी परमानन्द महाराज ने कहा कि यद्यपि हमारा विषय विशुद्ध अध्यात्म है किन्तु कभी-कभी राष्ट्र से सम्बंधित कुछ व्यावहारिक विषय पर भी बातें करना आवश्यक हो जाता है। अयोध्या में राम मंदिर तो बन रहा है किन्तु मंदिर गिराने वाले अभी भी सशक्त स्थिति में हैं। ऐसे लोगों का उद्देश्य देश को धर्मनिरपेक्ष बनाने का कभी नहीं रहा है। अतः कम से कम 15 वर्ष और संकल्प लेने की आवश्यक है। हम कभी नहीं कहते “हिन्दू धर्म की जय” बल्कि हम कहते हैं “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो।“ हम यह भी नहीं कहते भारत का ही कल्याण हो अपितु हम कहते हैं विश्व का कल्याण हो। “हिन्दू भवन्ति सुखिनः” कहते हुए किसी ने हमें सुना है ? सबने सुना होगा “सर्वे भवन्ति सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्।। “ यह हमारा वैदिक प्रार्थना है और इसी कारण हमारी मान्यता के लोग जिस देश में भी रहते हैं उसका नुक्सान कभी नहीं सोचते। ऋषि सौनक को प्रधामंत्री बनाने में ब्रिटेन की जनता को संकोच नहीं हुआ। वस्तुतः सम्पूर्ण विश्व में सुख शान्ति के लिए हिन्दू का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। आज प्रधानमंत्री मोदी की ओर सभी देख रहे हैं। हमारा लक्ष्य आपका कुछ लेना नहीं, हमें तो हमारे अपने दो पवित्र स्थान और चाहिए, सहमत हो जाओ, आप भी निष्ठावान बनो। देश आपका भी नेतृत्व स्वीकार करेगा।