जौनपुर। षहर के कोतवाली चैराहा निवासी सिद्धार्थ साहूं ने आरोप लगाया है कि रूहट्टा स्थित एक बच्चों के अस्पतात में चिकित्सक की लापरवाही से मेरी पुत्री की जान चली गयी। इस प्रकरण की जांच कर उख्ति कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी को दिये गये षिकायती पत्र में सिद्धार्थ ने बताया कि मैने अपनी 12 वर्षीया पुत्री वंषिका को रूहट्टा स्थित ओम साई बाल चिकित्सालय में डा0 अभिषेक मिश्रा को दिखाया। उन्होने पांच दिन की दवा दिया। दूसरे दिन पेट में भयंकर दर्द होने पर वंषिका को फिर दिखाया तो कई तरह की जांच कराई और इन्जेक्षन दिया। रेफर करने को कहा तो नहीं छोड़ा और चार दिन भर्ती कर लिया तथा कुछ खाया नहीं और ऐसी हालत में लगातार दवा देने से उसका प्लेटलेट 21000 हो गया। 23 अक्अूबर को हालत अत्यधिक खराब होने पर दूसरी जगह जाने को कहा लेकिन उन्होने फर्जी आस्वासन देकर रोके रखा और कई इन्जेक्षन लगाने पर उसकी हालते और बिगड़ गयी एमेरजेन्सी में रखा तथा आक्सीमीटर लगाने पर पल्स नहीं मिला तो जल्दी से उसे ले जाने को कहा वाराणसी ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। चिकित्सक की मनमानी और लापरवाही से मेरी बच्ची की मौत हो गयी। जिलाधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को जांच कर कार्यवाही करने को लिखित आदेष दिया।
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