नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से चेतावनी जारी होने के बाद सवालों के घेरे में आई कफ सिरप बनाने वाली दवा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स को लेकर एक और जानकारी मिली है। हरियाणा स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा मानदंडों का गंभीर उल्लंघन पाया है और सोनीपत में स्थित उसकी निर्माण फैक्ट्री में कई विसंगतियों पर सवाल उठाया है। अथॉरिटी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी में दवा के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की गई थी। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक पांच पन्नों के नोट में हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक अधिकारियों ने कंपनी में 12 उल्लंघनों को सूचीबद्ध किया है। राज्य औषधि नियंत्रक ने 7 अक्टूबर को मेडेन फार्मा को जारी कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया कि कंपनी ने विवादास्पद कफ सिरप के निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल की गुणवत्ता जांच नहीं की। यानी अब 14 अक्टूबर तक मेडेन फार्मा कंपनी को जवाब देना होगा।स्टेट एफडीए ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय देते हुए मेडेन फार्मा से पूछा है कि उनका मैनुफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया जाए। हरियाणा एफडीए में स्टेट ड्रग्स कंट्रोल कम लाइसेंसिंस अथॉरिटी मनमोहन तनेजा द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के मुताबिक नोटिस जारी होने के सात दिनों के भीतर आपका जवाब आ जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियम 1945 के अनुसार आपके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद फार्मा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स सवालों के घेरे में आ गई है. बीते दिनों डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर उत्पादित चार दूषित और घटिया कफ सिरप पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में मौतों का संभावित कारण हो सकते हैं। दावा किया गया कि इन मौतों से जुड़ी चार कफ सिरप हैं- प्रोमेथेजिन ओरल साल्यूशन बीपी, कोफेक्स नलिन कफ सीरप, केकोफ बेबी कफ सीरप और मेग्रिप एन कोल्ड सीरप। अधिकारियों ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में दो बार मेडेन फार्मा प्लांट का निरीक्षण किया और कंपनी को ड्रग रूल्स, 1945 के नियम 85(2) के तहत कारण बताओ नोटिस दिया। मेडेन फार्मा प्लांट में जांच के दौरान किन-किन नियमों के उल्लंघन का पता चला।
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