लखनऊ। सोमवार को समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पाताल में अंतिम सांस ली। इसके बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “मेरे आदरणीय पिताजी और सबके नेताजी नहीं रहे।” अखिलेश के इस ट्वीट के बाद सपा समर्थकों समेत नेता जी के चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ पड़ी।सपा अध्यक्ष अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के बीच कैसे रिश्ते थे इस बात का अंदाजा अखिलेश यादव के एक बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नेता जी कब राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं और कब पिता, पता ही नहीं चलता। जिस समय सपा भयंकर पारिवारिक कलह का सामना कर रही थी उसी दौरान अखिलेश ने ये बात कही थी।दिवंगत मुलायम सिंह यादव एक राजनेता के तौर पर जिस तरह से जिम्मेदारियों का निर्वहन करते थे, एक पिता के तौर पर उतने ही सख्त तरीके से भी अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियों को निभाते थे। नेता जी का ये रूप कई मौकों पर दिखाई दिया जब वो अखिलेश यादव को कई मौकों पर डांट लगा दिया करते थे। हालांकि इसके उलट यह भी एक सच्चाई थी एक पिता के तौर पर मुलायम सिंह यादव को अखिलेश से बेहद लगाव था हुए कई मौकों पर अखिलेश के प्रति उनका प्रेम भी दिखता था।अखिलेश यादव के जीवन पर आधारित एक पुस्तक ‘विंड्स ऑफ चेंज’ के लेखिका सुनीता एरॉन बताती हैं कि साल 1990 के दौरान नेताजी लखनऊ से इटावा हेलीकाप्टर से पहुंचे थे, 12 वीं पास युवा अखिलेश यादव को उस हेलीकाप्टर में बैठने की लालसा हुई और उन्होंने नेताजी से ये बात कही, लेकिन हुआ कुछ ऐसा जिसकी कल्पना अखिलेश यादव को भी नहीं थी।नेताजी ने अखिलेश को डांट लगा दी और कहा, “यह तुम्हारे लिए नहीं है।” अखिलेश ने ये बात अपने एक साक्षात्कार के दौरान कही थी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वह तब का दिन था जब पिता जी ने मुझे हेलीकाप्टर की सवारी करने से मना कर दिया था और एक आज का दिन है जब उन्होंने मुझे इस काबिल बना दिया कि आज मैं खुद इसकी सवारी करता हूं।
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