फतेहपुर। पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद अकीदत व एतराम के साथ मनाया गया। पैदाइश की रात को जहां मुशायरा व ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जगह-जगह सजावट के साथ ही चरागा किया गया। वहीं रविवार को जुलूस-ए-मुहम्मदी का नजारा देखते ही बना। शहर के लगभग दो दर्जन मुहल्लों से अंजुमन ने जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान मुहम्मद साहब की शान में एक से बढ़कर एक नात शरीफ पेश की गयीं। इसके अलावा पूरा शहर अल्लाहो अकबर, नारे तकबीर, नारे रिसालत या रसूलल्लाह के नारों से गूंजता रहा। जुलूस-ए-मुहम्मदी के निकलने वाले रास्तों पर सियासी दलों सहित आशिकाने रसूल ने स्टाल लगाकर जहां फूलों की बारिश की। वहीं जुलूस में शामिल लोगों को चाय व पानी पिलाकर सवाब हासिल किया। जुलूस को लेकर पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। जुलूस वाले मार्गों पर यातायात को मोड़ दिया गया था। जिसके चलते किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुयी। उप जिलाधिकारी सदर, पुलिस उपाधीक्षक नगर जुलूस में मुस्तैद रहे। पैगम्बर-ए-इस्लाम की पैदाइश पर निकलने वाले जुलूसों में पढ़ने वाली नात शरीफ का रिहर्सल तो कई दिन पहले से ही शुरू हो गया था। नमाज जोहर शहर के दो दर्जन मुहल्लों से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला गया। हर अंजुमन में शामिल बच्चों व बुजुर्गों की तरह-तरह की पोशाक लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। कोई हरी पोशाक में दिखा तो कोई कत्थई तो कोई सफेद लिबास में नजर आया। सभी अंजुमन अपने-अपने मुहल्लों से शुरू होकर चैगलिया में एक साथ हुयीं। तत्पश्चात यहीं से जुलूस मुहम्मद साहब की शान में नात शरीफ पढ़ता हुआ आगे बढ़ता रहा। जुलूस लाठी मोहाल, बाकरगंज से जीटी रोड होता हुआ मुखलाल वाली गली पहुंचा। इससे पूर्व इसी मार्ग पर सियासी दलों ने अपने स्टाल लगाकर जुलूस-ए-मोहम्मदी का इस्तकबाल किया। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नजाकत खातून के प्रतिनिधि हाजी रजा, बसपा नेता मो. आसिफ एडवोकेट, बसपा नेता अनवार उल्ला, मो. अय्यूब खान, वकील अहमद समेत अन्य नेताओं ने अपने-अपने स्टाल लगाकर जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल अंजुमनों का फूलों की बारिश के बीच जोरदार इस्तकबाल किया। उधर शहरकाजी सैय्यद शहीदुल इस्लाम अब्दुल्ला, काजी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने जुलूसों की कयादत की। शहरकाजी मौलाना फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि पैगम्बरे इस्लाम कयामत तक के मनुष्यों के लिए नबी संदेष्टा व मार्गदर्शक बनाकर भेजे गये हैं। उनकी शिक्षा विश्व शांति का मूल मंत्र है। श्री कादरी ने कहा कि हमें अपने नबी का जन्मदिन मनाकर सम्पूर्ण मानव जाति को विश्व के भाईचारा व अम्न का पैगाम देते हैं। पैगम्बरे इस्लाम का जन्मदिन अंधेरे से उजाले, जुल्म से प्रेम, हिंसा से अहिंसा, आतंकवाद पर अम्न व चैन, असमाजिकता पर समाजिकता की विजय का दिन है। जुलूस-ए-मोहम्मदी मुखलाल स्वीट हाउस की गली से सैय्यदवाड़ा, मुस्लिम इण्टर कालेज, महाजरी, पीलू तले चैराहा से होता हुआ लल्लू मियां कोठी मार्ग पर पहुंचा। यहीं से जुलूस तकिया तले के लिए बढ़ा। अंत में देर रात जुलूस चैक चैराहे पर शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। जुलूस के दौरान नाते शरीफ का जोरदार सिलसिला चलता रहा। सरकार की आमद मरहबा, आ गये सरकार मेरे आ गये सरकार, मेरे आका के जैसा कोई नहीं आदि नाते शरीफ गूंजती रहीं। जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो जाने पर जिला एवं पुलिस प्रशासन ने चैन की सांस ली। जुलूस के दौरान कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार मिश्रा के अलावा सभी चैकी इंचार्ज व पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। चैराहों पर भी पुलिस ने मुस्तैद रहकर आने-जाने वाले वाहनों को दूसरे रास्तों से निकलवाया।
खागा प्रतिनिधि के अनुसार ईद मिलानुनबी पर कस्बे के नूरी मस्जिद बस स्टाप से जुलूस-ए-मोहम्मदी अकीदत के साथ उठाया गया। जो अपने निर्धारित मार्गों पक्का तालाब, गांधी पार्क, जीटी रोड से होता हुआ मानू का पुरवा पहुंचा। इसी रास्ते से जुलूस वापस आकर नूरी मस्जिद पर समाप्त हो गया। जुलूस में नारे तकबीर अल्लाहो अकबर, नारे रिसालत या रसूलल्लाह की आवाजें जहां बुलन्द हो रही थी। वहीं नाते पाक भी अंजुमनों द्वारा पेश की जा रही थीं। जुलूस में शामिल बूढ़े व बच्चों की पोषाक आकर्षण का केन्द्र रही। जुलूस के मद्देनजर पुलिस के जवान लगातार मुस्तैद रहे।
बिन्दकी प्रतिनिधि के अनुसार नगर में जुलूस-ए-मोहम्मदी की धूम रही। रबीउल अव्वल का जुलूस मौलाना रजा कादरी के घर से निकलकर खजुहा चैराहा होते हुए फाटक बाजार घियाही गली, बजाजा गली, तहसील गेट, अस्पताल रोड, ललौली चैराहा होते हुए मदरसा फैजुल उलूम में समाप्त हुआ। जगह-जगह स्टॉल लगाए गए थे। जगह-जगह जुलूस का इस्तकबाल किया गया। उधर खजुआ कस्बे में भी रबीउल अव्वल धूमधाम से मनाया गया। शाही मस्जिद से जुलूस निकलकर मुगल रोड होते हुए मोहल्ला बाद बादशाही पहुंचा। वापस होकर मोहल्ला कटरा, हनुमान गढ़ी, कमल ग्राही गुदड़ी मोहल्ला, कुंजराटी मोहल्ला, जुलहटी, अस्पताल रोड होते हुए समाप्त हुआ। साथ चल रहे बच्चे नाते गुनगुना रहे थे।