जौनपुर । समाजवादी पार्टी कार्यालय पर महर्षि वाल्मीकि की जयन्ती धूमधाम से मनाया गया । इस अवसर पर महर्षि के चित्र पर पुष्पांजलि करते हुए सपा जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने कहा महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था और उनका पालन जंगल में रहने वाले भील जाति में हुआ था। उन्होंने भीलों की परंपरा को अपनाया और आजीविका के लिए डाकू बन गए अपने परिवार के पालन पोषण के लिए हुए राहगीरी को लूटते थे । जरूरत होने पर मारते भी थें । इस प्रकार दिन प्रतिदिन अपने पापों का घड़ा भर रहे थे एक दिन उन्होंने जंगल से नारद मुनि निकल रहे थे उन्हें देख रत्नाकर ने उन्हें बंदी बना लिया नारद मुनि ने उनसे सवाल किया कि तुम ऐसे पाप क्यों कर रहे हो रत्नाकर ने जवाब दिया अपने एवंम परिवार के जीवनव्यापन के लिए तब नारद मुनि ने पूछा जिस परिवार के लिए तुम ये पाप कर रहे हो क्या वह परिवार तुम्हारे पापों के फल का भी वहन करेगा इस पर रत्नाकर जोश के साथ कहा हां बिल्कुल करेगा मेरा परिवार सदा मेरे साथ खड़ा रहेगा नारद मुनि ने कहा एक बार उनसे पूछ तो लो अगर वह ऐसा कहेंगे तो मैं तुम्हें अपना सारा धन दे दूंगा रत्नाकर ने अपने सभी परिवारों एवं मित्रों से पूछा लेकिन किसी ने इस बात की हामी नहीं भरी इस बात का रत्नाकर पर गहरा आघात पहुंचा और उन्होंने दुराचारी मार्ग को छोड़ तप का मार्ग चुना एंवम कई वर्षों ध्यान तपस्या कि जिससे फलस्वरूप उन्हें महर्षि वाल्मीकि नाम एंवम ज्ञान की प्राप्ति हुई । उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण महा ग्रंथ रचना की इस प्रकार एक घटना ने डाकू रत्नाकर को एक महा रचयिता महर्षि वाल्मीकि बना दिया जंयती पर पूर्व अध्यक्ष राजबहादुर यादव,राजन यादव प्रवक्ता राहुल त्रिपाठी, श्रवण जयसवाल, सोनू यादव साहिल शाह मौजूद रहे।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post