नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि खेल सबसे बड़ा है पर आजकल देखने में आ रहा है कि खेल में स्टार संस्कृति हावी हो गयी है। इसके कारण ही आजकल खेल में कई खिलाड़ियों को स्टार बनाकर उनका ही महिमामंडन हो रहा है जिससे बचा जाना चाहिये। गंभीर के अनुसार प्रशंसकों को किसी विशेष खिलाड़ी को नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट को अहमियत देनी चाहिये। गंभीर ने कहा कि हमें पूर्व कप्तान कपिल देव, विराट कोहली , महेन्द्र सिंह धोनी जैसे स्टार खिलाड़ियों की बात छोड़कर सिर्फ टीम पर ही ध्यान दें। इस पूर्व क्रिकेटर के अनुसार हमें किसी एक खिलाड़ी को महत्व देने की जगह पूरी टीम को बड़ा बनाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एशिया कप में अफगानिस्तान के मैच को लेकर कहा कि कोहली ने अच्छी पारी खेलते हुए शतक लगाया था पर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने 5 विकेट लिए पर किसी ने भी उस पर ध्यान नहीं दिया। गंभीर का मानना है कि हमें किसी एक विशेष खिलाड़ी को को ही बड़ा करार देने से बचना होगा। उन्होंने कहा, नायक बनाने की प्रथा साल 1983 में एकदिवसीय विश्व कप में जीत के बाद से हुई थी। उसके बाद ततकालीन कप्तान रहे कपिल देव की बात होती थी। यह सिलसिला साल 2007 और 2011 विश्वकप जीतने के बाद कपिल की जगह धोनी नायक बन गये। इसके बाद कप्तान बने विराट को यह जगह मिल गयी। प्रशंसकों को समझना चाहिये कि क्रिकेट एक टीम गेम है और यह एक या दो खिलाड़ियों से नहीं चलता। टीम में शामिल सभी लोगों का योगदान होने के साथ ही भूमिका होती है। इसलिए एक की जगह पर सबको महत्व देना होगा।
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