हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की आवष्यकता

जौनपुर। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ0 सुधा सिंह ने कहाकि जब फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान जैसे देश अपनी मातृभाषा के माध्यम से अपने राष्ट्र को विकसित कर सकते है, तो हम भी अपनी मातृभाषा के द्वारा अपने राष्ट्र का विकास क्यू नहीं कर सकते। अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 शम्भू राम ने बताया कि हिन्दी भाषा हम सभी के लिए उतनी ही आवश्यक है जितनी एक बच्चे के लिए मां का दूध। डाॅ0 अखिलेश्वर शुक्ला ने कहाकि हिन्दी भाषा की शक्ति और सामथ्र्य इतनी अधिक है कि हिन्दी भाषा भारत ही नहीं अपितु समूचे विश्व पर अपना प्रभाव रखती है। डाॅ0 मनेाज वत्स ने कहाकि हिन्दी भारत की राजभाषा है इसे राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हमसब को संकल्पित होने की आवश्यकता है। डाॅ0 मधु पाठक ने बताया कि हिन्दी भाषा समग्र राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाली भाषा है। हमारी भाषा ही हमारी पहचान है। आइये समद्ध एवं सशक्त हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का संकल्प लें। डाॅ0 रागिनी राय ने कहाकि हिन्दी भारत की आत्मा में बसी हुई है, जो हर प्रदेश में जानी एवं पहचानी जाती है।डाॅ0 रमेशचन्द्र सोनी ने भी हिन्दी भाषा पर अपने विचार व्यक्त किया। संचालन डाॅ0 मधु पाठक ने व धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 रागिनी राय ने किया। डा0 गंगाधर शुक्ला, डाॅ0 अविनाश कौल, डाॅ0 संतोष पाण्डेय, डाॅ0 चन्द्राम्बुज कश्यप, डाॅ0 रामानन्द अग्रहरि, डाॅ0 यदुबंश कुमार, डाॅ0 विष्णु कान्त तिवारी सहित समस्त प्राध्यापक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं व शोधार्थी उपस्थित रहें।