बाँदा lरक्षाबंधन के दिन बांदा में यमुना नदी में हुए नाव हादसे में 8 लोगों के शव शनिवार को मिले हैं। ये शव बहकर फतेहपुर बॉर्डर तक पहुंच गए थे। हादसे में मरने वालों की संख्या अब 11 हो गई हैl इधर, हादसे में लापता लोगों में से 5 अपने घर में जिंदा मिले हैं। इसकी पुष्टि पुलिस वैरिफिकेशन में हुई है। नाव में 35 लोग सवार थे।इनमें से 4 अब भी लापता हैं।एक मृतक की शिनाख्त रिश्तेदार ने की एएसपी अभिनंदन ने बताया 8 में से दो शव फतेहपुर के असोथर के पास मिले हैं। लापता लोगों के परिजन को बुलाकर शिनाख्त कराई गई।मरका निवासी छुटका ने बताया कि उसकी चाची माया पत्नी दिनेश का शव किशनपुर के नरौली घाट पर मिला है, वहां रहने वाले रिश्तेदार ने पहचान की है।मरका घाट पर एनडीआरएफ,एस डी आर एफ और पीएसी के 78 जवानों ने 8 नावों से शुक्रवार तक कुल 14 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। 12 किमी की दूरी तक चप्पा-चप्पा खंगाला गया। गुरुवार रात 11.10 बजे ऑपरेशन जिंदगी नाम से रेस्क्यू शुरू हुआ था। एहतियातन यहां घाटों पर गोताखोरों को तैनात किया गया है। महेवा, कौशांबी, किशनपुर, फतेहपुर, चित्रकूट में जाल लगाया गया है।लापता लोगों के मिलने की आस में परिजन पूरी रात बैठे रहे,मरका घाट पर गांव के लोग आस भरी निगाहों से यमुना नदी की तरफ देखते हैं। अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है।मरका घाट पर गांव के लोग आस भरी निगाहों से यमुना नदी की तरफ देखते हैं। अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है।यमुना नदी के किनारे लापता लोगों के परिजन और गांव के लोग पूरी रात बैठे रहे। रुक-रुक कर लोगों के रोने-चीखने की आवाज आती रहीं। मौके पर लोकल गोताखोर के साथ, स्टीमर और नाविक भी हैं,स्थानीय विजय शंकर ने बताया- हर साल रक्षाबंधन के दिन यमुना नदी के किनारे मेला लगता है।इस मेले को नवी मेला कहते हैं।इसमें गांव के लोग शामिल होते हैं। महिलाएं यमुना नदी में नौनियां गांव की यात्रा करती हैं, लेकिन गुरुवार दोपहर नाव डूब जाने की वजह से मेला नहीं लगा।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है,10 से अधिक लोगों की मौत हो सकती है। नाव पर 20 लोगों के बैठने की क्षमता थी,जबकि उसमें 35 लोगों के अलावा कुछ मोटरसाइकिल भी लदी थीं।नदी में नाव डूबने की सटीक लोकेशन नहीं मिलने से टीम के सामने चुनौती बढ़ गई है।केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति शुक्रवार को फतेहपुर के असोथर राम नगर कौहन्न घाट पहुंची थीं। उन्होंने कहा,बांदा प्रशासन ने फतेहपुर प्रशासन का तुरंत सहयोग नहीं लिया। उन्होंने रेस्क्यू के लिए स्टीमर और बड़े जाल को उपलब्ध कराने की मांग की है।एनडीआरएफ कमांडेंट नीरज मिश्रा ने बताया,पानी की गहराई 40 से 50 फीट है।अभी तक किसी की सही लोकेशन का पता नहीं चल पाया है। कोई भी प्रत्यक्षदर्शी सही बात नहीं बता पा रहा है।कोई बता रहा है कि नाव नदी के बीचों बीच पलटी है। कोई बता रहा है कि किनारे आते वक्त पलटी है।बृजकिशोर राखी बंधवाने के लिए पत्नी को लेकर कठौता जा रहे थे। तभी अचानक नाव डूब गई। उन्होंने किसी तरह से अपनी जान बचा ली। पत्नी का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर पहुंची ममता अपने बेटे को याद कर के फूट-फूट कर रोने लगीं। उन्होंने कहा,मेरा बेटा राखी बंधवाने आया था।वापस जाने के दौरान डूबने से उसकी मौत हो गई।फूलक की रहने वाली ममता ने बताया, ”मेरी देवरानी और बेटी राखी बांधने जा रहे थे।बेटी की डूबने से मौत से हो गई। देवरानी तैरकर बाहर निकल आई।” नदी के किनारे बैठीं जवेत्री ने कहा- “मेरे पति झल्लू रक्षाबंधन मनाने के लिए दो दिन पहले गुजरात से आए थे। वो लापता हैं।रक्षाबंधन पर बुधवार को समगरा गांव से महिलाएं और अन्य लोग मरका घाट पर पहुंचे थे। यमुना नदी पार करके फतेहपुर जिले के असोथर घाट जाने के लिए नाव पर 35 लोग सवार हुए थे। यमुना नदी में बीच धारा में पहुंचते ही नाव का बैलेंस बिगड़ गया और वह पलट गई।नदी से बचकर आए केपी यादव ने बताया,मैं लखनऊ से समधरा आया था। समधरा अपनी वाइफ को छोड़कर अपनी बहन के घर राखी बंधवाने जा रहा था। मुझे बरैची जाना था। मैं मोटरसाइकिल से अकेला जा रहा था। मैं नाव पर मोटरसाइकिल के साथ सवार हुआ, मेरी मोटर साइकिल डूब गई।यादव ने कहा,मैं किसी तरह बांस के सहारे बाहर निकल पाया। नाव की पतवार अचानक से टूट गई। तेज बहाव की वजह से नाव असंतुलित हो गई। नाविक संभाल नहीं पाया। उसके बाद नाव पलट गई। कुछ लोग तो बच गए हैं, लेकिन अभी बहुत लोग नहीं बाहर आ पाए हैं।भाजपा नेता रामकेश निषाद और राकेश सचान घटनास्थल पर पहुंचे थे। मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की गई है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post