प्रयागराज।भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है।ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश की सेवा में तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने में ३२४०० मीट्रिक टन को पार कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।अभी तक भारतीय रेल से देश के विभिन्न राज्यों में १८५४ से अधिक टैंकरों में लगभग ३२४६४ मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।ज्ञात हो कि ४४८ ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड॰ियों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।ऑक्सीजन एक्सप्रेस देश के दक्षिणी राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी में १८००० एमटी को पार कर गई।ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा अभी तक देश के दक्षिणी राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को क्रमशः ३३००, ४१००, ४३०० और ५६०० एमटी से अधिक एलएमओ पहुंचाई गई है।२ ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ी ८ टैंकरों में १५३ एमटी से अधिक एलएमओ लेकर चल रही हैं।ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने ५६ दिन पहले २४ अप्रैल को महाराष्ट्र में १२६ एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा १५ राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में ६१४ एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग ३७९७, मध्य प्रदेश में ६५६ एमटी, दिल्ली में ५७२२ एमटी, हरियाणा में २३५४ एमटी, राजस्थान में ९८ एमटी, कर्नाटक में ४३३३ एमटी, उत्तराखंड में ३२० एमटी, तमिलनाडु में ५६७४ एमटी, आंध्र प्रदेश में ४१९० एमटी, पंजाब में २२५ एमटी, केरल में ५१३ एमटी, तेलंगाना में ३३६६ एमटी, झारखंड में ३८ एमटी और असम में ५६० एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है। अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के १५ राज्यों में लगभग ३९ नगरों /शहरों में एलएमओ पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ?खा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति ५५ किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्राथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कमिNयों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर १ मिनट कर दिया गया है।रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।
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