नई दिल्ली। कोरोना महामारी से पहले से ही जूझ रहे लोगों को अब मंकीपॉक्स एक बड़ा खतरा बनता नजर आ रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के दौरान पहले ही कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन कर चुके और इस व्यवहार में ढल चुके लोगों को मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कुछ इसी प्रकार की एहतियातों का पालन करना है।ऐसा करने से मंकीपॉक्स के संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.विशेषज्ञ कहते हैं कि मंकीपॉक्स भी एक वायरस है।वहीं कोरोना भी वायरस था, लिहाजा इनके संक्रमण फैलने को लेकर कई चीजें कॉमन हैं।अब चूंकि भारत ही नहीं बल्कि विश्व के लगभग सभी देश कोरोना से पीड़ित रह चुके हैं और इस दौरान सावधानियों से लेकर सतर्कता बरतने और कोरोना नियमों का पालन कर चुके हैं इसलिए मंकीपॉक्स को लेकर घबराने की बजाय बचाव के तरीकों को अपनाना जरूरी है।लोगों को चाहिए कि वे संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए व्यवहार को नियत करें.विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस से मृत्यु दर अभी बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन यह उसी स्थिति में कम खतरनाक है जबकि आपकी इम्यूनिटी या शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है।अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो यह वायरस असर दिखा सकता है।इसलिए पोषणयुक्त भोजन करें, हल्के लक्षण भी दिखाई दें तो विशेषज्ञ को दिखाएं।हालांकि मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कुछ उपाय हैं जो अपनाए जाएं तो इससे संक्रमित होने से बचा जा सकता है.विशेषज्ञों का मानना है कि मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कोरोना के इन नियमों को अपनाना चाहिए जैसे – संक्रमित व्यक्ति से सभी स्वस्थ लोग दूरी बनाकर रखें।मरीज को अलग कमरे में आइसोलेट करें।बाहर से जब भी घर आएं तो साबुन और पानी या एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से हाथों को साफ करें।अगर घर में कोई मंकीपॉक्स का मरीज है तो उसको मास्क पहना कर रखें।साथ ही उसके पास जाएं तो मास्क पहनकर जाएं।मंकीपॉक्स के मरीज के शरीर पर निकली फुंसियों और घावों को साफ चादर या कपड़े से ढककर रखें। पीडित मरीज के द्वारा इस्तेमाल किए गए चादर, कपड़े, तौलिया आदि का इस्तेमाल न करें।मरीज के इस्तेमाल करने के तुरंत बाद इन कपड़ों को डिटर्जेंट में डालकर धोएं.किसी भी सैलून, स्पा, सार्वजनिक स्थानों, पार्लर, होटल आदि में हाईजीन का जरूर ध्यान रखें।कोशिश करें कि जो भी कपड़े या तौलिए आदि इस्तेमाल किए जा रहे हैं वे धुले हुए और बिना इस्तेमाल किए हुए हों।बाहर जाएं तो सैनिटाइजर साथ में रखें, जहां भी बैठें कोशिश करें सैनिटाइजर से उस जगह को सैनिटाइज करें.किसी से भी करीब से न मिलें।गले न मिलें।खासतौर पर बसों, सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में बहुत नजदीक न बैठें ताकि आपस में त्वचा एक दूसरे से छुए।इससे संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। बता दें कि विश्व के 75 देशों में संक्रमण फैलाने के बाद अब भारत में भी मंकीपॉक्स वायरस डराने लगा है।देश में अभी तक इस बीमारी के 4 मरीज सामने आ चुके हैं जबकि कई अन्य संदिग्ध भी सामने आ रहे हैं, जिनके नमूनों को जांच के लिए भेजा जा रहा है।
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