नई दिल्ली। अगर आपसे पूछा जाए कि बिस्कुट में सबसे किफायती और स्वादिष्ट बिस्कुट कौन है तो आप पारले जी का नाम लेंगे। 5 रुपये का य़ह एक ऐसा बिस्किट है, जो अधिकतर लोगों को पसंद आता है। वहीं, पारले लगातार 10 सालों से भारत का नंबर वन एफएमसीजी ब्रांड बना हुआ है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कंज्यूमर रीच प्वाइंट यानी सीआरपी के आधार पर 2021 में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले एफएमसीजी ब्रांड को शामिल किया है। 6531 (मिलियन) के कंज्यूमर रीच प्वाइंट स्कोर के साथ, पारले लगातार 10वें साल रिकॉर्ड बनाते हुए टॉप पर है। इस लिस्ट में पारले के बाद अमूल, ब्रिटानिया, क्लिनिक प्लस और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स दूसरे टॉप ब्रांड हैं। कंज्यूमर रीच प्वाइंट को कंज्यूमर की तरफ से की गई वास्तविक खरीद और एक कैलेंडर ईयर में इन खरीदारी के फ्रीक्वेंसी के आधार पर मापा जाता है।एक खबर के मुताबिक, पारले ने पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में सीआरपी में 14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। इस बीच, अमूल का सीआरपी 9 फीसदी बढ़ा, जबकि ब्रिटानिया का सीआरपी एक साल पहले की तुलना में मौजूदा रैंकिंग में 14 फीसदी बढ़ा। इस बीच, पैकेज्ड फूड ब्रांड हल्दीराम बिलियन सीआरपी क्लब में शामिल हो गया और 24वें नंबर पर टॉप 25 रैंकिंग में एंट्री की। अनमोल (बिस्किट और केक ब्रांड) भी सीआरपी क्लब में शामिल हो गया। सीआरपी में बढ़ोतरी की रिपोर्ट में ब्रांडों की संख्या में सुधार हुआ है। इसके लिए महामारी की दूसरी लहर के बाद बेहतर गतिशीलता को कारण माना जा सकता है। इस बीच, सीआरपी में तेज बढ़ोतरी से बड़े ब्रांडों को फायदा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े ब्रांड यानी 61 फीसदी से ज्यादा एंट्री लेवल वाले, 2020 में 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के साथ सबसे तेजी से बढ़े हैं। कुछ स्नैकिंग ब्रांडों में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई। इसमें बालाजी में 49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कुरकुरे में 45 फीसदी और बिंगों में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। बेवरेज ब्रांड्स के भीतर, नेसकैफे ने सीआरपी में 19 फीसदी का इजाफा दर्ज किया और उसके बाद बूस्ट ने 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की।
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