नई दिल्ली। आगामी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए करीब 1.75 लाख करोड़ रुपए की जंग में वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) की कीमत पर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल अपनी बाजार हिस्सेदारी और राजस्व को मजबूत करने के लिए दमदार स्थिति में हैं। अधिकतर विश्लेषकों ने ऐसा अनुमान जाहिर किया है। नोमुरा रिसर्च का कहना है कि ऐसा लगता है कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र में दो ही कंपनियों का वर्चस्व रहेगा। हालांकि यह समय ही बताएगा कि भारतीय दूरसंचार क्षेत्र द्विध्रुवीय होगा अथवा नहीं। लेकिन आगामी 5जी नीलामी में वोडाफोन आइडिया की भूमिका काफी सीमित दिखने के आसार हैं। वह संभवत: अपने प्रमुख सर्किल पर ही ध्यान केंद्रित करेगी। उसे अपना 4जी कवरेज बढ़ाने और 5जी में निवेश करने के लिए बहुप्रतीक्षित 20,000 करोड़ रुपए जल्द से जल्द जुटाने की आवश्यकता है। शुरू में यह स्पष्ट नहीं था कि अदाणी समूह भी 5जी के बहाने मोबाइल टेलीफोनी में दस्तक दे देगा अथवा फिलहाल उसकी भूमिका एंटरप्राइज क्षेत्र तक सीमित रहेगी। यूबीएस का कहना है कि वोडाफोन आइडिया के हाई-एंड ग्राहक 5जी सेवाओं के अभाव में अन्य सेवा प्रदाताओं की ओर रुख कर सकते हैं।
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