प्रयागराज। स्थानीय खुसरोबाग गेट पर अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद एवं शहीद-ए-आजम भगत सिंह स्मारक समिति व नगरवासियों ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के ज्ञात-अज्ञात शहीदों का एक चर्चा समूह में पावन स्मरण किया।खुसरोबाग आजाद इलाहाबाद का मुख्यालय बनाया गया था। मौलवी लियाकत अली के नेतृत्व में प्रयागराज (इलाहाबाद) ०७-१७ जून तक आजाद रहा।चर्चा का शुभारम्भ करते हुये कुलभाष्कर डिग्री कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो० श्रीबल्लभ मिश्र ने कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम शहीद मंगल पांडे ने बैरकपुर (कोलकाता) छावनी में २९ मार्च को परेड के दौरान गाय व सुअर की चर्बी वाले कारतूसों के विरोध में दो ब्रिटिश अफसरों पर गोली, तलवार से प्रहार कर घायल कर दिया था। हिन्दुस्तानी सिपाहियों को ०८ अप्रैल को फॉसी लगाकर मृत्यु दण्ड दिया गया।महासचिव राज बहादुर गुप्ता ने कहा कि ब्रिटिश अफसरों पर प्रहार रोकने के लिये जमादार ईश्वरी पाण्डेय को आदेश दिया गया कि उन्होंने अपने सैनिक दल को आगे बढ़ने से रोक दिया गया था। इस कारण ब्रिटिश अदालत में जमादार ईश्वरी पाण्डेय को २१ अप्रैल को फॉसी की सजा दे दी गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजू मर्करी ने कहा कि यह खबर जंगल में आग की तरह फैली, परिणाम स्वरूप मेरठ छावनी के सैनिको ने भी विद्रोह कर अपदस्थ बादशाह बहादुर शाह जफर से शासन सम्भालने का भारतीय समूह ने मिलकर अनुरोध किया उनके समर्थन में प्रमुखता झॉसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, वीर कुँवर सिंह, नाना साहब, बेगम हजरत महल, राव तुलाराय ने अंग्रेजो से मोर्चा लिया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो० श्याम बिहारी जायसवाल, महेश त्रिपाठी, अतुल राय, विशाल गुप्ता भोलानाथ तिवारी, राजेश पाल, धनन्जय श्रीवास्तव, अजय यादव आदि रहे।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post