प्रयागराज। प्रयागराज शहर की महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने गंगा किनारे दफन शव का दाह संस्कार कर एक मिसाल पेश की है। महिला होते हुए भी अज्ञात शव को मुखाग्नि देने के लिए वह खुद ही आगे आईं। उनकी शव को मुखाग्नि देते हुए तस्वीर खूब वायरल हो रही है। उनके इस कार्य की हर तरफ सराहना हो रही है।फाफामऊ घाट पर कछार में दफन शव गंगा में कटान होने के कारण बाहर दिखाने देने लग रहे हैं। इन शवों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम की एक टीम घाट पर तैनात की गई है। गुरुवार को महापौर अभिलाषा गुप्ता ने घाट पर पहुंचकर एक शव को स्वयं मुखाग्नि दीं और हिंदू रीति-रिवाज से उसका दाह संस्कार भी कीं।कोरोना की दूसरी लहर में इस घाट पर दफनाए गए सैकड़ों शवों के गंगा का जलस्तर बढ पर पानी में बहने की आशंका जताई गई थी। इसके मद्देनजर शवों की निगरानी के लिए महापौर की अध्यक्षता में एक समिति बनी। जिला प्रशासन की देखरेख में शवों के अंतिम संस्कार के लिए निगम की एक टीम तैनात की गई।चार मई को टीम द्वारा पहली बार दफन शव का दाह संस्कार किया गया था। उसके बाद से २५ शवों का अंतिम संस्कार किया गया। गुरुवार को २५ वें शव का दाह संस्कार किया जाना था इसलिए जोनल अधिकारी नीरज कुमार सह ने महापौर से इसके लिए आग्रह किया। बारिश होने के बावजूद महापौर नाव से उस पार घाट पर पहुंचीं और शव को रामनामी ओढ के बाद, चंदन, कपूर, धूप, घी चढ़ाकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार कीं। मृतक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी कीं।महापौर का कहना है कि अब महिलाएं शवों का क्रिया-कर्म करने लगी हैं। गुरुवार को वह बारिश के कारण होने वाली कटान को देखने के लिए घाट पर गई थीं। उसी समय एक शव को कटान के कारण बाहर निकाला गया था। जोनल अधिकारी के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर जोनल अधिकारी, महापौर के सचिव मनोज श्रीवास्तव, मनोज गुप्ता, हर्ष केसरी, एनडीआरएफ टीम के सदस्य मौजूद थे।
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