नई दिल्ली। एकनाथ शिंदे के बागी तेवर ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की परेशानी बढ़ा दी है। शिंदे गुट ने रविवार को जोरदार जवाबी कार्रवाई करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत को तख्तापलट में शामिल होने के लिए गुवाहाटी लाया। दूसरी तरफ, राज्य विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल द्वारा अपने 16 विधायकों को अयोग्यता नोटिस भेजे जाने के खिलाफ विद्रोही खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में मांग की गई है कि ज़ीरवाल शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के समूह नेता के रूप में मान्यता दें। शिंदे ने देर रात एमवीए गठबंधन के खिलाफ ट्वीट कर कहा, “बालासाहेब की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम से हैं और जिन्होंने मुंबई में बम विस्फोटों को अंजाम दिया? मैंने इसका विरोध करने के लिए ये कदम उठाए। सामंत पहले राकांपा के साथ थे। वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल से पाला बदलने वाले आठवें मंत्री हैं। इससे कैबिनेट में शिवसेना के सिर्फ तीन मंत्री रह गए हैं। रविवार को विद्रोही गुट में शामिल हुए महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कथित तौर पर नई सरकार में कैबिनेट बर्थ और रत्नागिरि के संरक्षक मंत्री पद के लिए बातचीत की है। विद्रोही समूह अपने 16 विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए और समय मांगेगा। समय सीमा सोमवार शाम की है। बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा, “हमें एक सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कोई आपात स्थिति नहीं है।” इस बीच भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने जालना में एक रैली में अपनी टिप्पणी से हलचल मचा दी। उन्होंने कहा, “हम केवल दो-तीन दिनों के लिए विपक्ष में रहेंगे।
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