लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, प्राथमिकध्सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 50ध्100ध्200 शैय्या के चिकित्सालयों एवं अन्य चिकित्सा इकाइयों के भवन निर्माण के लिए निःशुल्क ध्दान में उपयुक्त भूमि प्राप्त न होने पर नियमानुसार आपसी सहमति से उपयुक्त भूमि का क्रयध्अधिग्रहण किया जा सकेगा। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।वर्तमान में प्रभावी नीति के अनुसार स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, प्राथमिकध्सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 50ध्100ध्200 शैय्या के चिकित्सालयों एवं अन्य चिकित्सा इकाइयों के भवन निर्माण के लिए भूमि निःशुल्क प्राप्त की जाती है तथा भूमि को क्रय करने का कोई प्राविधान नहीं है। निःशुल्क भूमि उपलब्ध न होने के कारण भवनों का निर्माण कार्य प्रायः समय से नहीं हो पाता। कई बार निःशुल्क भूमि अनुपयुक्त स्थान पर मिलने से जनता को चिकित्सा सुविधाओं का बहुत सीमित मात्रा में लाभ प्राप्त होता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया, ताकि जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का भरपूर लाभ मिल सके।शासन द्वारा भूमि की उपयुक्तता के सम्बन्ध में मानक भी निर्धारित किये गये हैं। इसके अनुसार स्वास्थ्य उपकेन्द्र के लिए भूमि ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम हेतु निर्धारितध्घोषित आबादी क्षेत्र से अधिकतम 100 मीटर की दूरी पर सुगम मार्ग पर स्थित होनी चाहिए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए भूमि सम्बन्धित स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारितध्घोषित आबादी क्षेत्र से अधिकतम 500 मीटर की दूरी पर सुगम मार्ग पर स्थित होनी चाहिए।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भूमि विकास खण्ड मुख्यालय अथवा किसी महत्वपूर्ण कस्बे, जैसी भी स्थिति हो, के स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारितध्घोषित आबादी क्षेत्र से अधिकतम 01 किलो मीटर के दायरे में सुगम मार्ग पर स्थित होनी चाहिए। जिला अस्पताल तथा 50 शैय्या या इससे अधिक शैय्या के अस्पताल की भूमि सम्बन्धित नगर निगमध्नगर पालिका परिषद द्वारा निर्धारितध्घोषित आबादी क्षेत्र से अधिकतम 02 किलो मीटर की परिधि में सुगम मार्ग पर स्थित होनी चाहिए।शासन द्वारा स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, प्राथमिकध्सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालयों एवं अन्य चिकित्सालयोंध्संस्थाओं के निर्माण के लिये भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में वरीयता क्रम के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अन्तर्गत सर्वप्रथम ग्राम समाज कीध्सरकारी उपयुक्त भूमि निःशुल्क प्राप्त करने का प्रयास किया जायेगा और उस पर चिकित्सालयध्स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया जायेगा।यदि दान में उपयुक्त भूमि प्राप्त होती है, तो उस पर चिकित्सालयध्स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया जायेगा। दानदाता की इच्छानुसार चिकित्सालयध्स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर उसका या उसके परिजन के नाम का शिलापट्ट भी लगाया जा सकेगा। दान में प्राप्त भूमि पर निर्माण तभी प्रारम्भ किया जायेगा, जब दानदाता द्वारा नियमानुसार गिफ्ट डीड हस्ताक्षरित कर दी जायेगी।यदि कोई व्यक्ति सरकारी निःशुल्क भूमि के बदले अपनी उपयुक्त भूमि निःशुल्क प्रदान करता है तो उसके अथवा परिजन के नाम का शिलापट्ट भी लगाया जा सकेगा। अपनी भूमि देने वाले व्यक्ति को कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी होगी। दान में प्राप्त भूमि पर निर्माण तभी प्रारम्भ किया जायेगा, जब दानदाता द्वारा नियमानुसार गिफ्ट डीड हस्ताक्षरित कर दी जायेगी। भवन हेतु निःशुल्कध्दान में उपयुक्त भूमि प्राप्त न होने पर स्वास्थ्य उपकेन्द्रध्चिकित्सालय हेतु नियमानुसार आपसी सहमति से उपयुक्त भूमि का क्रयध्अधिग्रहण किया जायेगा। इस सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत शासनादेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।उपयुक्त भूमि का अधिग्रहणध्क्रय करने का निर्णय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति, जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी सदस्य होंगे, की संस्तुति पर शासन द्वारा अन्तिम विकल्प के रूप में ऐसी स्थिति में लिया जायेगा जब उक्त समिति का समाधान हो जाए कि शासकीयध्ग्राम सभाध्दानध्पट्टाध्निःशुल्क भूमि प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध नहीं है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post