नई दिल्ली। देश का खुदरा कारोबार मई, 2022 में कोविड-पूर्व स्तर यानी मई, 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत बढ़ा है। यह जानकारी रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने दी है। आरएआई के ताजा खुदरा व्यापार सर्वे के अनुसार पश्चिमी भारत में मई में 2019 के मई माह की तुलना में बिक्री 30 फीसदी बढ़ी है। वहीं समान अवधि में पूर्वी क्षेत्र में बिक्री में 29 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी तरह दक्षिणी भारत की बिक्री 22 प्रतिशत और उत्तरी भारत की बिक्री 16 प्रतिशत बढ़ी है। आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा है कि महामारी से पहले की तुलना में अप्रैल, 2022 में 23 प्रतिशत और मई, में 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बिक्री में लगातार सुधार काफी उत्साहजनक है। राजगोपालन ने कहा है कि शादियों का सीजन और वर्क फ्रॉम ऑफिस फिर शुरू होने के बाद परिधान और जूते जैसी श्रेणियों ने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मुद्रास्फीति को लेकर चिंता अभी बनी हुई है। हालांकि, ग्राहक अब बाजार आकर खरीदारी कर रहे हैं। आरएआई ने कहा कि सभी क्षेत्रों में बिक्री बढ़ी है। क्विक सर्विस रेस्टोरेंट की बिक्री में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं फुटवियर जैसी श्रेणियों में 30 फीसदी का अच्छा सुधार देखने को मिला है। आरएआई के सर्वेक्षण के अनुसार मई में उपभोक्ता वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की बिक्री में 2019 के इसी महीने की तुलना में 15 फीसदी और परिधान एवं कपड़ों में 24 फीसदी की वृद्धि हुई है। साथ ही खाद्य और किराना श्रेणी में 23 प्रतिशत और खेल के सामान की बिक्री में 24 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 14 जून को जारी 2020-21 के लिए पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के अनुसार, 2020-21 (जुलाई-जून) में बेरोजगारी दर गिरकर 4.2 प्रतिशत हो गई। ऐसा कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के बावजूद हुआ। इस दौरान लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट बढ़कर 41.6 फीसदी हो गया।
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