शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य व्यक्ति का सर्वोत्तम विकास- प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव

प्रयागराज | उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षा विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उच्च शिक्षा के कायाकल्प के आयाम विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में  मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव, आचार्य, उच्च एवं संव्यावसायिक शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान, न्यूपा, नई दिल्ली ने कहा कि नई शिक्षा नीति के लिए जो योजनाएं बनाई गई हैं वह समाजोपयोगी होनी चाहिए तथा शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य व्यक्ति का सर्वोत्तम विकास और समाज के लिए प्रासंगिक होना चाहिए।उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में दूरस्थ शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण है।अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा के अंतर्गत अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को समाहित करते हुए शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों के ज्ञान वर्धन के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम का सर्जन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना के क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक है।  सकारात्मक सोच और प्रशिक्षण से उच्च शिक्षा में चुनौतियों का समाधान आसानी से किया जा सकता है।अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर पी के पांडेय ने तथा संचालन डॉ सुरेंद्र कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर छत्रसाल सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर कविता गुप्ता एवं  सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।