चित्रकूट। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार की विशेष पहल के तहत मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन जिला अस्पताल सहित तीन स्वास्थ्य इकाइयों में किया गया। इसमें उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चार महिलाएं चिन्हित की गई है। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों में आई एक सैकड़ा से अधिक गर्भवती महिलाओं को विशेष जांच के बाद परामर्श दिया गया। अब हर माह की 24 तारीख को एफआरयू में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जा रहा है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी ने बताया कि कई कारणों से जोखिम गर्भावस्था मातृ-शिशु की मृत्यु की वजह बनती हैं। प्रसव पूर्व छोटी बड़ी कई कमियों का सामने नहीं आ पाना इसकी प्रमुख वजह है। गर्भवती को उच्च रक्तचाप, गंभीर रक्ताल्पता, मधुमेह, दिल की बीमारी, क्षय रोग, मलेरिया आदि की स्थिति में जोखिम बना रहता है। ऐसी महिलाओं को प्रसव पूर्व ही चिन्हित कर उन्हें सरकारी अस्पतालों में बेहतर परामर्श और उपचार दिया जा रहा है। अब तक प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएमएसएमए दिवस मनाया जाता था। अब हर माह की 24 तारीख को जनपद की एफआरयू में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक आयोजित की जा रही है। इसमें द्वितीय व तृतीय त्रैमास की गर्भवती की जांच की जाती है। हर माह की नौ तारीख को जनपद के संयुक्त जिला अस्पताल सहित 10 स्वास्थ्य केंद्रो में यह आयोजन किया जा रहा है। कर्वी ब्लाक के दरियावपुरवा से जिला अस्पताल में आई 23 वर्षीय संजना पत्नी अर्जुन ने बताया कि पहला बच्चा है। उन्हें निःशुल्क जांच के साथ उपचार और परामर्श दिया गया है। इस दौरान चार उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित की गई। जबकि एक सैकड़ा से अधिक गर्भवती महिलाओं की विशेष जांचें कर चिकित्सीय परामर्श दिया गया। खानपान के बारे में जानकारी दी गई है।
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