नयी दिल्ली | राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत, जमैका के साथ विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी कौशल, ज्ञान तथा विशेषज्ञता को साझा करने के लिये तैयार है जिससे जमैका के शिक्षा एवं व्यापार परिदृश्य में बदलाव आयेगा।जमैका की यात्रा पर गये कोविन्द ने मंगलवार को किंग्सटन में संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि जमैका के सर्वोच्च व्यापारिक घरानों ने भारत स्थित प्रौद्योगिकी कंपनियों से सॉफ्टवेयर और ‘बैकरूम’ तकनीकी समर्थन के लिये साझेदारी की है। भारत और जमैका अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने में भी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे और कृषि क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच साझीदारी की अपार संभावनायें हैं।राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देशों के साथ आने और एक-दूसरे का सहयोग करने से दोनों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने साझा आदर्शों को व्यावहारिक सहयोग में बदलने के लिये साथ काम करना चाहिये और अधिक समतावादी विश्व व्यवस्था कायम करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत-जमैका साझेदारी से हमारे लोगों का भविष्य तो उज्ज्वल होगा, बल्कि इसके जरिये एकजुट तथा मानवीय भावना से ओतप्रोत, समृद्धशाली विश्व बनाने में भी मदद मिलेगी।कोविंद ने कहा कि कुछ बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के पड़ोस तथा रणनीतिक स्थिति और अंग्रेजी जानने वाले उसके प्रतिभाशाली युवाओं के बल पर जमैका के लिये यह शानदार अवसर है कि वह ‘ज्ञान का राजमार्ग’ बने तथा चौथी औद्योगिक क्रांति से लाभ उठाये। भारत, जमैका के विजन 2030 को साझा करता है, जिसके तहत जमैका ने लोगों के सशक्तिकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस तरह वह एक समृद्ध और स्थायी अर्थव्यवस्था बन जायेगा।राष्ट्रपति ने कहा कि छोटी सी आबादी वाले देश जमैका का ओलम्पिक, विश्व चैम्पिनयशिपों और अन्य प्रमुख खेल स्पर्धाओं में दबदबा देखकर हैरत होती है। भारत खेलों और एथलेटिक्स में जमैका से सीखना चाहता है। उन्होंने कहा कि संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र में सहयोग से भी दोनों देशों का मनोरंजन उद्योग समृद्ध होगा। इसके अलावा, सत्कार और पर्यटन के क्षेत्र में भी सहयोग की बहुत संभावनायें हैं और हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
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