नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी के क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर दिए गए बयान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि राहुल का कहना का मतलब था कि कांग्रेस के पास राष्ट्रीय नजरिया है और हम पूरे देश के लिए सोचते हैं। हाल ही में संपन्न हुए तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने क्षेत्रीय पार्टियों में ‘विचारधारा की कमी’ की बात कही थी। इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल जैसी कुछ पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की थी। मुझे लगता है कि उनका (राहुल गांधी) का मतलब था कि हमारे पास राष्ट्रीय नजरिया है। हम देश के लिए बोलते और सोचते हैं। जबकि, क्षेत्रीय पार्टियां आमतौर पर अपने स्वरूप के चलते एक खास क्षेत्र या समूह तक सीमित होती हैं।’ उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मुझे लगता है उदाहरण के लिए तृणमूल, राजद, समाजवादी पार्टी और यहां तक कि डीएमके की विचारधारा का अधिकांश हिस्सा कांग्रेस के मत के अनुकूल होगा। राजस्थान के जयपुर में 13 से 15 मई के बीच कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित हुआ था। कार्यक्रम के अंतिम दिन राहुल ने कहा था, ‘भाजपा कांग्रेस के बारे में बात करेगी, कांग्रेस नेताओं के बारे में बात करेगी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी, लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के बारे में बात नहीं करेगी, क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों की अपनी जगह होती है, लेकिन वे भाजपा को नहीं हरा सकते। क्योंकि उनकी विचारधारा नहीं होती है।’ राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि कांग्रेस को ‘सह यात्री’ हो जाना चाहिए और 543 संसदीय क्षेत्रों में से 320 से ज्यादा में उन्हें (क्षेत्रीय पार्टियों) को ड्राइविंग सीट दे देनी चाहिए। वहीं, जेएमएम ने कहा, ‘हम बगैर किसी विचारधारा के पार्टी कैसे चला रहे हैं। कांग्रेस कई राज्यों में बने रहने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों पर निर्भर है। जेडी(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पार्टी में क्षेत्रीय दलों को लेकर ‘फोबिया’ हो गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों की मदद से केंद्र में 10 साल शासन किया है।
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