नाटो में जाने से फिनलैंड को सुरक्षा मिलेगी, हम अपना और अपने बच्चों का बेहतर भविष्य चाहते हैं : सना मरीन

कीव। रूसी हमले का लगभग तीन महीने से मुकाबला कर दुनिया को चौंका देने वाला यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय वार्षिक संगीत प्रतियोगिता यूरोविजन में जीत से उत्साहित है तो फिनलैंड रूस से मिल रही धमकियों के बावजूद उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य बनने को लेकर सकंल्पित है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने कहा कि नाटो में शामिल होने से फिनलैंड के लिए शांति और सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। उन्होंने कहा हमने रूस के साथ युद्ध किए हैं और हम अपने लिए या अपने बच्चों के लिए ऐसा भविष्य नहीं चाहते हैं।फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता लेने का फैसला किया है और पश्चिमी गठबंधन के शीर्ष राजनयिकों ने बर्लिन में मुलाकात की। यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के बीच फिनलैंड के राष्ट्रपति और सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि उनका देश पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो की सदस्यता लेने का इच्छुक है। नॉर्डिक देश के इस ऐलान से 30-सदस्यीय नाटो के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और प्रधानमंत्री सना मरीन ने हेल्सिंकी में राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इसके साथ ही यूरोप में तटस्थ रहने वाले देशों की संख्या में और कमी आ जाएगी। नाटो उप-महासचिव मिर्सिया जियोना ने कहा रूस का क्रूर आक्रमण गति खो रहा है। हम जानते हैं कि यूक्रेन के लोगों और सेना की बहादुरी से तथा हमारी मदद से यूक्रेन इस युद्ध को जीत सकता है। अंतरराष्ट्रीय वार्षिक संगीत प्रतियोगिता यूरोविजन में जीत से उत्साहित यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके शहर मारियुपोल में एक-दिवसीय गीत प्रतियोगिता आयोजित करने का आह्वान किया था। यूक्रेन के कलुश ओर्केस्ट्रा ने अपने गीत स्टेफेनिया के लिए यह लोकप्रिय प्रतियोगिता जीत ली है। यह गीत युद्ध के दौरान यूक्रेन के नागरिकों के बीच लोकप्रिय हो गया और इसे पुरस्कार मिलना देश का मनोबल बढ़ाने वाला है। जेलेंस्की ने फेसबुक पर कहा हमारे साहस ने दुनिया को प्रभावित किया है, हमारे संगीत ने यूरोप को जीत लिया है। अगले साल यूक्रेन यूरोविजन की मेजबानी करेगा। राष्ट्रपति की यह आशावादी टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं, जब रूसी सैनिक देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर हफ्तों तक बमबारी करने के बाद उसके आसपास के इलाकों से वापस जा रहे हैं।