जौनपुर। जिले में 100 दिनों तक बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान हवा हवाई हो गया है। पिछले दिनों विभागीय अधिकारियों को यह अभियान संचालित करने का निर्देश दिया था। प्रत्येक दिन कम से कम 10 बेसहारा पशु पकड़ कर गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाना था, मगर विभागीय उदासीनता और जिम्मेदारों की लापरवाही से यह अभियान सवालों के घेरे में है। दूसरी तरफ शहर से लेकर गांवों तक बेसहारा पशु खेत से लेकर सड़कों तक लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले दिनों शासन ने सभी जिलों में बेसहारा पशुओं को पकड़कर संरक्षित करने का अभियान चलाने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था। जिला प्रषासन से संबंधित अधिकारियों को बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाने का निर्देश दिया था। इस कार्य के लिए ब्लाक में स्थित राजकीय पशु अस्पताल में तैनात पशु चिकित्साधिकारियों को ब्लाक का नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया था। उन्हें अपने ब्लाक क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को पकड़वाने और उन्हें क्षेत्र के गोआश्रय स्थलों में सरंक्षित करना था, मगर जिले में पशुओं को पकड़ने का अभियान अब तक शुरू नहीं हो सका। जिले में कहीं कोई टीम अभियान संचालित करते हुए नहीं दिख रही है। विभागीय कर्मी पूरी तरह उदासीन हैं। अभी भी हाईवे, सहित सभी माार्गेा के अलावा खेतों में बेसहारा पशुओं को धमाचैकड़ी करते देखा जा सकता है। बेसहारा पशुओं की धमाचैकड़ी के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इसमें लोगों की जान भी चली जा रही है।
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