उदयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस)और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) जिस नफरत की राजनीति के जरिए देश को बर्बाद करने पर तुले हैं उससे लड़ना और उसको हराना उनका लक्ष्य है।श्री गांधी ने यहां आयोजित पार्टी तीन दिवसीय नव संकल्प के आखिरी दिन आज चिंतन शिविर से देशभर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई भाजपा की विघटनवादी विचारधारा से है, क्योंकि इस विचारधारा ने देश के सामने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है और इस संगठन ने देश में नफरत तथा हिंसा का माहौल पैदा कर दिया है।उन्होंने कहा “इस विचारधारा से लड़ना मेरे जीवन का लक्ष्य है। भाजपा की विचारधारा से देश को बचाना है और यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है। हम इस देश की जनता की भावनाओं को देखते हुए यह लड़ाई लड़ते रहेंगे। मैं डरता नहीं हूं। मैंने भ्रष्टाचार नहीं किया किया है इसलिए मैं डरता नहीं हूं। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद कर रही है और संवैधानिक मूल्यों को तोड़ने का काम कर रही है इसलिए यह हम सब की लड़ाई बन गयी है और हमें इस लड़ाई को लड़ना और जीतना है।”कांग्रेसी नेता ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की नफरतवादी विचारधारा से क्षेत्रीय दल नहीं लड़ सकते है। क्योंकि इन दलों की अपनी सीमाएं होती है और उस सीमा में रहकर इस लड़ाई को नहीं लड़ा जा सकता है इसलिए कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ेगी और देश को बर्बाद करने वाली नीति के विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखकर उसे जीतेगी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरे देश की पार्टी है इसलिए वर्तमान राजनीतिक माहौल में देश को नुकसान पहुंचाने वाली शक्तियों से लड़ने के लिए इस संगठन को मजबूत करना आवश्यक हो गया है। हर कार्यकर्ता को कांग्रेस की लड़ाई लड़नी है और देश में दलितों,आदिवासियों और पिछड़ों पर जो अत्याचार हो रहे हैं उनके विरुद्ध एकजुट होकर खड़ा होना है और पार्टी को जन-जन तक पहुंचाकर जनता की आवाज बनाना है तथा समाज से संवाद स्थापित करना है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए सभी नेताओं को जनता के बीच जाकर बैठना होगा और उनके साथ संवाद स्थापित करना होगा। उनका कहना था कि जनता से यदि कनेक्शन नहीं जुड़ेगा तो कांग्रेस पार्टी मजबूत नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा ,“ हम सबकी जिम्मेदारी जनता के साथ खड़े होकर भाजपा और आरएसएस की विघटनकारी विचारधारा से बचाना है और देश की जनता को पहले की तरह कांग्रेसी विचारधारा से जोड़कर आगे बढ़ना है।”
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