बाँदा/नरैनी/बदौसा।बदौसा के वकीलन पुरवा को डायरिया से मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से आनाकानी के बाद वृद्ध की मौत हो गई। कई अन्य गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। अधूरी तैयारियों के बीच पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम,विधायक की मौजूदगी में चंद घंटे इलाज के बाद लौट गई थी। जबकि विधायक ने सार्वजनिक रूप से निर्देश दिया था कि जब तक गांव पूरी तरह डायरिया मुक्त नहीं हो जाएगा स्वास्थ्य टीम नहीं जाएगी। अब मौत के बाद गुरुवार को स्वास्थ्य टीम ने फिर गांव आकर बीमारों का इलाज शुरू किया है।तुर्रा गांव के वकीलन पुरवा में पिछले करीब एक हफ्ते से डायरिया का प्रकोप है। आधा सैकड़ा से ज्यादा महिला, पुरुष, बच्चे इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ। मीडिया में खबर आने के बाद क्षेत्रीय विधायक ओममणि वर्मा सोमवार को गांव पहुंची थीं। तब उनके साथ सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम भी थी। पेड़ तले चबूतरे पर मरीजों को लिटाकर बोतल आदि चढ़ाई गईं। अगले ही दिन सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव ने गांव में अपने निरीक्षण का हवाला देकर कहा कि अब गांव में कोई डायरिया का मरीज नहीं है। 10 अन्य सामान्य मरीज हैं। उधर, स्वास्थ्य टीम भी उसी दिन गांव से चलती बनी।बुधवार की रात गांव के मन्नूलाल (75) की डायरिया से हालत बिगड़ गई। घर और गांव के लोग पलंग पर लादकर उसे देर रात अतर्रा सीएचसी लाए। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उसके पुत्र रामफल की भी डायरिया से हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मौत की खबर मिलने पर गुरुवार को सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम पुन: वकीलन पुरवा पहुंची। यहां फूलमती सहित कई मरीजों का इलाज किया। पूर्व ढर्रे पर चबूतरे पर लिटाकर ग्लूकोज की बोतल पेड़ की डाल में टांगकर चढ़ाई।
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