वॉशिंगटन । बीते महीने छह फरवरी को अमेरिका में नेवी सील के एक ट्रेनी की मौत हो गई, वहीं एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। आइए जानते हैं कि नेवी सील की ट्रेनिंग कैसे होती है, और इसे सबसे मुश्किल ट्रेनिंग क्यों कहा जाता है। नेवी सील की ट्रेनिंग में हिस्सा लेने वालों को सैकड़ों किलोमीटर की दौड़ लगानी होती है। बेहद कम नींद लेनी पड़ती है। भारी भरकम लकड़ियों को पकड़ कर बैठना पड़ता है और समुद्र की रेत पर छिछले पानी में लेटना होता है, जहां हर लहर आंखों में नमक के कारण जलन पैदा करती है। एक हफ्ते तक चलने वाली इस ट्रेनिंग को हेल वीक कहा जाता है जिसमें लगभग 75 फीसदी सैनिक हार मान कर लौट जाते हैं। हालांकि 24 साल के येल ग्रेड काइल मुलेन के हेल वीक पूरा करने के कुछ दिनों बाद ही मौत हो गई, जिसके बाद लगातार निरीक्षण पर सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। नेवी सील की वेबसाइट पर कहा गया है कि ये साढ़े पांच दिनों तक चलने वाला बेहद कठिन प्रशिक्षण है। इसका मुख्य मकसद दर्द और ठंड सहना, टीम वर्क, रवैया और कम नींद और तनाव के बीच क्षमता का परीक्षण करना है। सबसे ऊपर, यह दृढ़ संकल्प और इच्छा की टेस्टिंग है। इस ट्रेनिंग में एक ट्रेनी को करीब 320 किलोमीटर चलना होता है। इसमें कई बार दौड़ना होता है। नेवी सील की ट्रेनिंग में 9 मिनट में 2.5 किलोमीटर दौड़ना होता है। कई बार अपने सिर के ऊपर नाव रख कर चलना होता है। लंबी दूरी तक तैरने के साथ-साथ घंटों की एक्सरसाइज भी करनी होती है। पूरी ट्रेनिंग में एक ट्रेनी पानी से भीगा रहता है और ठंड से कांप रहा होता है। मेडिकल से जुड़े कैंडिडेट को इमरजेंसी में इलाज करना भी सिखाया जाता है। वहीं बेसिक पैराशूट ट्रेनिंग भी दी जाती है। कैंडिडेट को 8000 कैलोरी खाना होता है, लेकिन इस दौरान सख्त ट्रेनिंग से उसका वजन नहीं बढ़ता है। हेल वीक में होने वाली कई एक्सरसाइज दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान से हो रही हैं। नेवी सील के एक पूर्व ट्रेनर के मुताबिक ये ट्रेनिंग इतनी सख्त होती है कि उसकी क्लास में 150 बच्चे शुरू में थे, लेकिन ट्रेनिंग खत्म होने तक सिर्फ 24 ही बचे। इस ट्रेनिंग के दौरान प्रतिस्पर्धा के लिए कई खेल भी होते हैं, जिनमें 12 घंटे की एक बोट राइड है, जिसे जीतने वाली टीम को सोने का मौका मिलता है। कई मामलों में देखा गया है कि सिर पर लंबी दूरी तक बोट लाद कर चलने के बाद कैंडिडेट के सिर से बाल झड़ गए। ट्रेनिंग की शुरुआत में उन्हें सफेद शर्ट दी जाती है, लेकिन ट्रेनिंग पूरी करने पर उन्हें भूरी शर्ट दी जाती है, जो बताता है कि वह अब नेवी सील बन चुके हैं। नेवी सील की ट्रेनिंग इतनी खतरनाक होती है कि इस दौरान जवानों की जान भी चली जाती है।
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