नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम 6 साल के बाद आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण भी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सीजेआई रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि सम्मेलन कार्यपालिका और न्यायपालिका के जरिए न्याय को सरल और सुविधाजनक बनाने की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसमें न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की जाएगी।इससे पहले यह सत्र 24 अप्रैल 2016 को आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक बीते 6 सालों में केंद्र सरकार ने ‘ईकोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट’ के तहत अदालती प्रक्रियाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए कई पहल की हैं। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित कई मुख्यमंत्रियों शामिल होंगे। सम्मेलन के एजेंडे में सीजेआई एनवी रमण ने ‘अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास’ के प्रस्ताव को शामिल करने के लिए कहा था, जिसे एजेंडा का हिस्सा बनाया गया है।मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के एजेंडे में अदालतों में रिक्त पदों को भरना, केस निपटारे में तेजी लाना जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कुछ महीने पहले अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण (एनजेआईएआई) की स्थापना का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। इस तरह के सम्मेलन हर 2 साल में एक बार होते हैं। लेकिन इस बार 6 साल बाद आयोजन हो रहा है। इससे पहले इसे 2015 और 2013 में मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का आयोजन हुआ था।
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