यूरीन में मिले बैक्टीरिया का कनेक्शन हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर से

नई दिल्ली । यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया द्वारा कंडक्ट की गई स्टडी के मुताबिक, पुरुषों के यूरीन में एक ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की गई है जिसका कनेक्शन प्रोस्टेट कैंसर से हो सकता है।शोधकर्ताओं का कहना है कि वैज्ञानिकों की ये खोज बीमारी के इलाज और बचाव में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। आइए आपको प्रोस्टेट कैंसर पीड़ितों के यूरीन में मिले नए बैक्टीरिया के बारे में विस्तार से बताते हैं।स्टडी के मुताबिक, यूरीन में जिस बैक्टीरिया की पहचान की गई है, वो एडवांस प्रोस्टट कैंसर से पीड़ित पुरुषों में बहुत कॉमन है। जबकि सामान्य पुरुषों के यूरीन में यह बैक्टीरिया नहीं देखा गया है। वैज्ञानिकों ने प्रोस्टेट कैंसर पीड़ितों के यूरीन और टिशू सैम्पल में ऐसे कुल पांच बैक्टीरिया की पहचान की है, जिसमें से दो बिल्कुल नई प्रजाति के हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि ये बैक्टीरिया ही प्रोस्टेट कैंसर का कारण है।रिसर्च टीम का हिस्सा रहीं डॉ। रकेल हर्स्ट ने कहा, ‘हम अभी तक ये पता नहीं लगा सके हैं कि आखिर लोग इस बैक्टीरिया के संपर्क में आते कैसे हैं। क्या ये कैंसर की वजह है? या इंसान का कमजोर इम्यून सिस्टम इसे शरीर में विकसित होने की अनुमति देता है, इसे बारे में फिलहाल स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन हमें उम्मीद है कि भविष्य में हमारे आंकड़े नए इलाज का विकल्प बन सकते हैं, जो बीमारी की गंभीरता को कम करने से लेकर बचाव के नए रास्ते तैयार करेंगे।’यूएई के नॉर्विच मेडिकल स्कूल के डॉ। जेरेमी क्लार्क कहते हैं कि कुछ पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के ज्यादा आक्रामक होने की वजहों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। ये एक पहेली की तरह है। आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर तब तक लक्षण पैदा नहीं करता जब तक कि कैंसर यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) पर दबाव डालने के लिए पर्याप्त बड़ा न हो जाए। NHS ने प्रोस्टेट के कुछ सामान्य लक्षण बताए हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण की बात करें तो बार-बार पेशाब आना या अक्सर रात के वक्त पेशाब आना, तेजी से पेशाब आने की शिकायत, पेशाब आने में कठिनाई, पेशाब करते समय तनाव या ज्यादा समय लगना, कमजोर प्रवाह, ब्लैडर के पूरी तरह खाली ना होने जैसा महसूस करना, यूरीन या वीर्य में खून आदि। एडवांस प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों पर एक नजर डाले तो आतों से जुड़ी समस्या, ग्रोइन एरिया में दर्द, पैरों में सूजन, कमर या कमर के निचले हिस्से में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और अचानक वजन का घटना आदि। बता दें कि प्रोस्टेट कैंसर मुख्यतौर पर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शिकार बनाता है। इंसान की उम्र बढ़ने के साथ-साथ इस बीमारी का खतरा भी बढ़ता रहता है। धूम्रपान और मोटापे से इसका जोखिम ज्यादा बढ़ता है। हालांकि वैज्ञानिक प्रोस्टेट कैंसर के खतरे और नए लक्षणों को समझने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।