लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में होने वाले बड़े घोटालों, जालसाजी, पेपर लीक जैसे मामलों में जांच, विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाने और सुदृढ़ करने के लिए सीबीआई की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में ‘यूपी स्पेशल पुलिस स्टेबिलिशमेंट एक्ट’ तैयार कराने के निर्देश दिए हैं। तय किया गया है कि स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को सीबीआई की तर्ज पर बनाकर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में होने वाले बड़े घोटालों, आर्थिक अपराधों आदि की जांच के लिए पहले से मौजूद एसआईटी एक प्रशासनिक आदेश के आधार पर काम कर रही है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए सीबीआई की तरह एक्ट बनाया जाएगा। दरअसल, सीबीआई दिल्ली पुलिस स्पेशल स्टेबिलिशमेंट एक्ट-1946 के तहत काम करती है। इसके तहत उसे पूरे भारत में किसी भी मामले की अपने यहां रिपोर्ट दर्ज करने और विवेचना करने का अधिकार है। एसआईटी को भी इसी तर्ज पर अधिकार देकर विवेचना आदि का काम और सुदृढ़ किया जाएगा। सीएम ने निर्देश दिए कि रामपुर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर के लिए भूमि का चयन कर कार्रवाई कराएं। अगले 100 दिनों में अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की इकाई गठित की जाए। सहारनपुर, मथुरा, प्रयागराज और गोरखपुर में यूपीएसएसएफ की बटालियन का जल्द गठन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लखनऊ में डिजिटल फोरेंसिक लैब व रेंज स्तर पर साइबर फोरेंसिक लैब बनाई जाए। हर जिले में फॉरेंसिक फील्ड यूनिट स्थापित हो। हर थाने पर साइबर हेल्प डेस्क का गठन हो। उन्होंने कहा कि साइबर थानों में नियुक्त कार्मिकों को फोरेंसिक प्रशिक्षण भी दिलाया जाए। यूपी कॉप और बीट प्रहरी एप को और प्रभावी बनाएं। इंसिडेंट कमांड कंट्रोल के लिए सभी जिलों में हाईटेक लॉ एंड ऑर्डर क्यूआरटी स्थापित की जाएं। निर्देश दिए कि हर विकास खंड स्तर पर अग्निशमन एवं जीवनरक्षा के लिए 100 स्वयंसेवकों को तैयार कर ट्रेनिंग दिलाएं।
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