गांधीनगर । ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की दो दिवसीय भारत यात्रा पर उस समय रूस-यूक्रेन युद्ध का असर देखने को मिला जब उन्होंने गुजरात में घूमने के लिए रूसी निर्मित हेलीकॉप्टर से इनकार कर दिया। भारत दौरे पर आए बोरिस जॉनसन ने सीधे गुजरात में लैंड किया। लेकिन बोरिस जॉनसन के आने से तीन दिन पहले एक ब्रिटिश संपर्क टीम भारत आई थी। इस टीम ने भारत सरकार से रूसी निर्मित एमआई-17 हेलीकॉप्टर को अमेरिकी चिनूक के साथ रिप्लेस करने का अनुरोध किया था। वरिष्ठ प्रोटोकॉल अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटिश टीम ने भारत से अनुरोध किया था कि जब बोरिस गांधीनगर और वडोदरा के पास हलोल स्थित ब्रिटेन की कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर कंपनी जेसीबी के प्लांट जाएं तो रूस में निर्मित एमआई-17 हेलीकॉप्टर की जगह अमेरिकी चिनूक का इस्तेमाल किया जाए। भारत सरकार ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने 30-सीटर चिनूक को चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के बेस से मंगाया और सचिवालय हेलीपैड से हलोल तक 20 मिनट की राइड के लिए बोरिस को ले जाने और लाने के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि चिनूक बुधवार को छह घंटे की उड़ान के बाद राज्य की राजधानी पहुंचा। यह स्पष्ट नहीं है कि हेलिकॉप्टर बदलने का अनुरोध सुरक्षा कारणों से किया गया था या रूस के बहिष्कार को देखते किया गया था। दरअसल यूक्रेन पर रूस के अटैक के बाद से अमेरिका के नेतृत्व वाले सभी पश्चिमी देश रूसी चीजों का बहिष्कार कर रहे हैं।
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