मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को ग्राहकों की मंजूरी के बिना क्रेडिट कार्ड जारी करने या मौजूदा कार्ड की सीमा बढ़ाने अथवा अन्य सुविधाएं शुरू करने से मना किया है। इसका पालन नहीं करने पर संबंधित कंपनियों को बिल की राशि का दोगुना देना होगा। केंद्रीय बैंक ने कार्ड जारीकर्ता इकाइयों या एजेंट के रूप में काम करने वाले तीसरे पक्ष से ग्राहकों से बकाए की वसूली को लेकर डराने-धमकाने से भी मना किया है। क्रेडिट कार्ड को लेकर आरबीआई ने कहा कि बिना ग्राहक की मंजूरी के कार्ड जारी करना या उसकी सीमा बढ़ाने अथवा अन्य सुविधाएं देना मना है। यह दिशानिर्देश एक जुलाई, 2022 से लागू होगा। शीर्ष बैंक ने कहा कि अगर ग्राहकों की मंजूरी के बिना कार्ड जारी किया जाता है या मौजूदा कार्ड को उन्नत बनाया जाता है, कार्ड जारी करने वालों को लिए गए शुल्क को वापस करना होगा और जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना बिल राशि का दोगुना होगा। मास्टर’ दिशानिर्देश के अनुसार 100 करोड़ रुपए के नेटवर्थ वाले वाणिज्यिक बैंक स्वतंत्र रूप से क्रेडिट कार्ड कारोबार शुरू कर सकते हैं या कार्ड जारी करने वाले बैंकों या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ गठजोड़ कर यह काम कर सकते हैं। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को भी अपने प्रायोजक या अन्य बैंकों के साथ गठजोड़ कर क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति है।
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