अहमदाबाद । भारत के दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस दौरान फ्री ट्रेड सौदे के वापिसी उपहार (रिटर्न गिफ्ट) के तौर पर भारतीयों के लिए अधिक मात्रा में वीज़ा जारी करने के संकेत दिए हैं। प्लेन में दिए गए एक इंटरव्यू में बोरिस जॉनसन ने भारत यात्रा को लेकर उत्सुकता जाहिर की। पीएम बनने के बाद जॉनसन का यह पहला अहम भारत दौरा है। उन्हें पहले ही यहां आना था लेकिन कोविड की वजह से उनकी यात्रा टल गई थी। मीडियाकर्मी से बात करते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘मैं हमेशा से ही प्रतिभाशाली लोगों के यूके आने का पक्षकार रहा हूं। भारतीयों में गजब की प्रतिभा हैं। हमारी अर्थव्यवस्था में ऐसे लोग की कमी है। ऐसे में हमें एक प्रगतिशील अवधारणा को लेकर काम करने की जरूरत है और हम ऐसा जरूर कर पाएंगे।’ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार समझौते को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया है। क्योंकि यूरोपीय संघ की आम व्यापार नीति से मुक्त हुए मंत्री, भारत-प्रशांत क्षेत्र के आसपास तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की दिशा में अपनी नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात शुक्रवार को नई दिल्ली में होगी। इस दौरान उनकी बातचीत देनों देशों के बीच रक्षा संबंधों और आपसी कारोबार और ज्यादा बढ़ाने पर होगी। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। साथ ही वे भारत पर इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि वह रूसी हथियारों पर अपनी निर्भरता कम करें। ब्रिटेन भी यही चाहता है।
बोरिस जॉनसन के भारत दौरे की शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद से होगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विज्ञान, स्वास्थ्य, तकनीकी के क्षेत्र में निवेश की घोषणा कर सकते हैं। ब्रिटेन का लक्ष्य है साल 2035 तक अपने व्यापार को 36.5 अरब डॉलर बढ़ाना। एक समय था जब ब्रिटेन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार था लेकिन अब ब्रिटेन 17वें नंबर पर पहुंच चुका है। वर्तमान में भारत का सबसे ज्यादा व्यापार अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात से होता है।पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच होने वाली चर्चा के दौरान रूस मामले पर पीएम मोदी कोई नसीहत दें ऐसी संभावना कम है। क्योंकि भारत सरकार द्वारा अपने रुख को पहले ही साफ कर दिया गया है। वहीं पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर रूस से तेल न खरीदने को लेकर दबाव बनाया गया लेकिन भारत ने इसपर साफ कर दिया कि वह शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अपने संबंधों को तोड़ दे। बता दें कि पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ जब वोटिंग की बारी आई थी इस दौरान भारत ने इसमें नहीं लिया था। पीएम मोदी और पीएम बोरिस जॉनसन के बीच कई खास मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान भारत प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी बातची होगी जहां चीन अपना दबदबा बढ़ाने में लगा है जो कि ब्रिटेन के लिए चिंता का विषय है। खबर के मुताबिक पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा बनने पर चर्चा करेंगे। ब्रिटेन रक्षा क्षेत्र में भारत के सा सहयोक करने का इच्छुक है और संयुक्त रूप से मिलिट्री हार्डवेयर का उत्पादन करना चाहता है।