मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारत और रूस व्यापार के लिए भुगतान निपटान समाधान पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस तरह का कोई भी समाधान यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद मॉस्को पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील होगा। आरबीआई ने कहा कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जो रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों के खिलाफ जाता हो। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस मसले से पहले सरकार को निपटना होगा और जहां तक केंद्रीय बैंक का संबंध है, तो हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जो प्रतिबंधों के खिलाफ हो। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि चूंकि यूक्रेन युद्ध ने व्यापार और भुगतान को बाधित कर दिया है, इसलिए हम सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर रहे हैं और साथ ही, हम आर्थिक प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ भी तय होने पर इसकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फरवरी के आखिर में युद्ध शुरू होने के बाद से नई दिल्ली और मॉस्को के बीच कोई नया भुगतान मंच उपलब्ध नहीं है। केंद्रीय बैंक को किसी औपचारिक या अनौपचारिक रुपया-रूबल भुगतान तंत्र के बारे में पता नहीं है। उद्योग समूह, बैंक और संबंधित सभी लोग यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन बदली हुई परिस्थितियों में सर्वोत्तम भुगतान कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी विकल्पों पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन, हमें प्रतिबंधों के प्रति भी संवेदनशील होना होगा। हम इन सभी विकल्पों पर चर्चा कर रहे हैं। एक बार कुछ तय हो जाने के बाद आपको इसके बारे में पता चल जाएगा।
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