इस्लामाबाद | पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान में नरम रुख वाली सरकार चाहता है। कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत एक ऐसी पाकिस्तानी सरकार से नफरत करता है, जो अपने हितों की रक्षा करती है और एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाती है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उपाध्यक्ष कुरैशी ने कहा उनकी पार्टी का लक्ष्य भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना है, लेकिन वह कश्मीर के खिलाफ बचकानी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी। कुरैशी ने कहा कि किसी भी देश को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश है और उसके फैसले संविधान, कानून और जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप होने चाहिए। यह कहते हुए कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने विदेशी हस्तक्षेप की सूचना दी है और इसे अनुचित माना है। कुरैशी ने आगे कहा कि पाकिस्तानी समाज में चिंता का प्राथमिक कारण आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप से उपजा है। यह पुष्टि करते हुए कि सरकार ने वाशिंगटन में राजदूत के माध्यम से विरोध दर्ज किया था। कुरैशी ने कहा कि एनएससी के निर्देश पर, हमने एक राजनयिक को विदेश कार्यालय में एक डेमार्श जारी करने या कड़ी आपत्ति के लिए बुलाया। पूर्व वित्तमंत्री ने दावा किया कि तुर्की, चीन और रूस ने विदेश कार्यालय को बयान जारी कर पीटीआई को अपना समर्थन दिया है। कुरैशी ने तुर्की की ओर से जारी बयान का हवाला देते हुए कहा कि वे एक बेहतर पाकिस्तान चाहते हैं। दरअसल, रूस ने इमरान खान का बचाव करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा था। रूस ने कहा था कि इमरान खान को अमेरिका के खिलाफ जाने की कीमत चुकानी पड़ रही है।
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