बांदा। यमुना नदी में निर्माणाधीन पुल से एक मजदूर पांच दिन पूर्व नीचे गिर गया था, गंभीर रूप से घायल हालत में उसे जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। हालत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया। परिवारीजन उसे लेकर कानपुर जा रहे थे, तभी शहर के कुछ दूर निकलते ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।मिली जानकारी के मुताबिक जनपद जिले के सिसोलर थानांतर्गत टोला गांव निवासी संतराम (28) पुत्र सरजू प्रसाद कमासिन स्थित यमुना में बन रहे पुल पर मजदूरी करता था। वह पांच दिन पहले पैर फिसल जाने से पुल से नीचे गिर गया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। साथी मजदूर और ठेकेदारों ने उसे उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। खबर पाकर परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। वहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद मजदूर को रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। घरवालों ने उसे वहां लाकर भर्ती कराया। सोमवार की दोपहर अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया। घरवाले संतराम को लेकर कानपुर लेकर जा रहे थे, हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में दाखिल करा दिया, वहां उसने दम तोड़ दिया। मृतक के बड़े भाई चंद्रपाल ने बताया कि संतराम काफी दिनों से निर्माणाधीन पुल में मजदूरी कर रहा था। उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। वहां कोई देखने सुनने वाला नहीं था। चिकित्सकों को कई बार बुलाओ, तब जाकर कहीं एक बार आते थे। इलाज भी कायदे से नहीं किया गया। सोमवार को हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों को बुलाया गया। लेकिन चिकित्सक नहीं आए और कानपुर रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही से संतराम की मौत हुई है। परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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