बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शासन के निर्देश के क्रम में दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से जनपद में संचालित होने वाले ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह‘‘ के शुभारम्भ अवसर पर सांसद बहराइच अक्षयवर लाल गोंड ने मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना के साथ कलेक्ट्रेट परिसर से ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह के जागरूकता रैली’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सांसद श्री गोंड ने कहा कि संचारी रोगों से बचाव के लिए हम अपने आस-पास साफ-सफाई रखें। शुद्ध पेयजल का प्रयोग करे। संचारी रोग हवा के माध्यम से फैलता है इसलिए हम सब वातावरण को साफ-सुथरा रखें जिससे संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस.के. सिंह ने बताया कि ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह जागरूकता रैली’’ नगर के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को दिमागी बुखार के प्रति जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि रैली में शिक्षा विभाग, नगर पालिका, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग तथा स्वच्छ भारत मिशन द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। सीएमओ डॉ. सिंह ने बताया कि पेयजल से सम्बन्धित जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश जल निगम के टोल फ्री नम्बर 18001800525 तथा एस.डब्लू.एस.एम. के टोल फ्री नम्बर 18001025030 पर सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। सीएमओ डॉ. सिंह ने बताया कि दिमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह मच्छरों के काटने एवं दूषित पानी के उपयोग से फैलती है। अधिकांशतः 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक तेज़ बुखार आना, मरीज़ के व्यवहार में अचानक परिवर्तन का आना, मरीज़ का पूरी तरह होशो हवास में न होना तथा मरीज़ को पहली बार झटके आना दिमागी बुखार/नवकी बिमारी के लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरन्त सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जायें। सीएमओ डॉ. सिंह ने लोगों से अपील की है कि पाईप पेयजल योजना के नल के पानी का उपयोग करें। पाईप लाईन में किसी प्रकार की टूट फूट होने पर तुरन्त मरम्मत कराये जिससे गन्दा पानी पाईप में प्रवेश न कर सके। पाईप पेयजल योजना न होने पर इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प का पानी उपयोग में लाये। हैण्डपम्प के आस-पास साफ-सफाई रखें। उन्होंने लोगों को सुझाव दिया है कि घर के आस-पास कूड़ा इकट्ठा न होने दें। नालियों का बहाव बना रहे इसके लिये नालियों को साफ रखा जाय, क्योंकि बहते हुए पानी में मच्छर अण्डें नहीं दे पाते हैं। डॉ. सिंह ने लोगों से अपील की है कि शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें। शौच के बाद व भोजन करने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। घर के आस-पास जल निकासी का उचित प्रबन्ध करें जिससे पानी का जमाव न हो। क्योंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर अण्डे देते हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। प्रातः एवं सॉयकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, उस समय शरीर को पूरा ढक कर रखें। बच्चों को पूरे आस्तीन की कमीज़, फुल पैंट एवं मोज़े पहनायें। जेपनीज़ इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.) विषाणु से बचाव के लिए बच्चों को दिमागी बुखार का टीका अवश्य लगवायें। दिमागी बुखार के सम्बन्ध में अपने नज़दीकी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल सम्पर्क करें। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल व डॉ. जयन्त कुमार, डीपीएम सरजू खान, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विपिन लेखारे सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।
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